जरमन मूल की अमेरिकी नागरिक रीटा अलैक्जैंडर नर्तकी थी और क्लेरेंस लोबो उस का डायरैक्टर. दोनों में लगाव हुआ और उन्होंने विवाह कर लिया. नृत्यसंगीत में वे अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त युग्म थे. कार्यक्रमों में अत्यधिक व्यस्तता के कारण वे चाह कर भी परिवार को आगे बढ़ाने के बारे में नहीं सोच पा रहे थे. एक बार ‘लास एंजिल्स मैडिकल काउंसिल’ के लिए उन का प्रस्तुतीकरण चल रहा था. शो के दौरान क्लेरेंस को हार्ट अटैक हुआ और मृत्यु हो गई. दुखद क्षणों में काउंसिल के डीवीएफ ऐक्सपर्ट डा. रौबर्ट निकल्सन ने शोक जताते हुए रीटा को एक अनोखा प्रस्ताव दिया. वे बोले, ‘यदि वह क्लेरेंस के बच्चे की मां बनने को उत्सुक है तो उस के मृत शरीर से शुक्राणु प्राप्त कर मैं तुम्हारे लिए प्रिजर्व कर सकता हूं.’ रीटा को तत्काल निर्णय लेना था. लोबो की स्मृति जीवंत बनाए रखने के लिए वह सहमत हो गई और सगर्व उस ने मृत्यु के बाद उस के बेटे को जन्म दिया. रोहिणी व केशव (बदले हुए नाम) मैनेजमैंट के छात्र थे. प्रेम संबंधों के बाद हालांकि उन्होंने विवाह तो कर लिया किंतु कैरियर कौंशस होने के कारण उन्हें अकसर अलग रहना पड़ता था. रोहिणी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मुंबई कार्यालय में सीईओ थी, जबकि केशव ने हाल ही में बैंगलुरु में अपनी आईटी कंपनी शुरू की थी. दोनों को जीतोड़ मेहनत करनी पड़ रही थी, इसलिए साथ रहने का अवसर कम ही मिल पाता था. भागदौड़ भरे क्षणों में उन्हें फुरसत भी न थी कि वे परिवार के बारे में सोच सकें जबकि उन्हें बच्चे की तीव्र चाह थी.