क्रिकेट को धर्म समझने वाले इस देश में खेलप्रेमियों के लिए क्रिकेट हमेशा से एक भावनात्मक पहलू रहा है. लेकिन जब भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हो तो यह उफान और तेज हो जाता है. पान की गुमटी,चाय की दुकान, घर, औफिस, चौराहों आदि जगहों पर यह चर्चा अपने शबाब पर होती है.

इस बात को खेल के ठेकेदार और राजनेता भांप चुके हैं. जैसे ही भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेलने की बारी आती है तो राजनेताओं और खबरिया चैनलों को एक मुद्दा मिल जाता है और इस पर बहसबाजी शुरू हो जाती है. खबरिया चैनलों में विशेषज्ञों और राजनेताओं के बीच गरमागरम बहस शुरू हो जाती है.

माहौल ऐसा तैयार कर दिया जाता है कि सब की जबान पर यही होता है कि चाहे कुछ भी हो पर पाकिस्तान के साथ मैच हारना नहीं. इस का मनोवैज्ञानिक असर खिलाडि़यों पर भी देखने को मिलता है.

शायद इसीलिए 18 जून तक चलने वाला आईसीसी चैंपियंस ट्रौफी के लिए इंगलैंड रवाना होने से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली गुस्सा हो गए.

कप्तान साहब का गुस्सा होने का कारण यों था कि प्रैस कौन्फ्रैंस के दौरान एक पत्रकार ने विराट कोहली से पूछ लिया कि मौजूदा घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए क्या पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना सही होगा? विराट का जवाब था कि इस बारे में आप क्या सोचते हैं? फिर पत्रकार ने कहा कि देश आप का विचार जानना चाहता है तो विराट ने जवाब दिया कि इस से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आप पहले ही इस बारे में अपनी राय बना चुके हैं.

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