‘हाईवे’ फिल्म देख कर लगा कि यह फिल्म उन इम्तियाज अली की तो नहीं लगती जिन्होंने ‘लव आजकल’ और ‘रौकस्टार’ जैसी रोमांटिक फिल्में बनाई थीं. दर्शकों में इम्तियाज अली की जो छवि बनी थी इस फिल्म से वह खराब ही होगी.

‘हाईवे’ किडनैपिंग पर बनी फिल्म है. एक लड़की, जिसे किडनैप कर लिया जाता है, किडनैपर से प्यार कर बैठती है, मगर किडनैपर उसे एक ट्रक के अंदर छिपा कर कई रातों तक अंधेरी सड़कों पर घूमता रहता है. यह भी बौलीवुड का एक सैट फार्मूला है जिसे अंगरेजी फिल्मों से काफी पहले उड़ाया गया था. इसी फार्मूले पर यह फिल्म बनी है.

‘हाईवे’ में जो रफ्तार होनी चाहिए थी वह नदारद है. आलिया भट्ट की यह दूसरी फिल्म है. पहली फिल्म ‘स्टूडैंट औफ द ईयर’ में तो वह ग्लैमरस लगी थी मगर इस फिल्म में उस का ग्लैमर गायब है.

इम्तियाज अली ने इस फिल्म को खूबसूरत बनाने के लिए हालांकि दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और हिमाचल की खूबसूरत लोकेशनों का सहारा लिया है मगर उन्होंने पटकथा पर जरा सी भी मेहनत नहीं की है.

वीरा (आलिया भट्ट) की शादी की तैयारियां चल रही हैं. वह फोन कर के अपने मंगेतर को बुलाती है और उस से लौंग ड्राइव पर चलने को कहती है. रास्ते में एक पैट्रोल पंप पर एक अपराधी महावीर (रणदीप हुड्डा) उस का अपहरण कर लेता है. वह वीरा को ले कर अनजान सफर पर निकल पड़ता है.

इस सफर में वीरा, महावीर को चाहने लगती है. महावीर की कैद में रह कर भी वह खुद को आजाद महसूस करती है. एक मुकाम पर पहुंचने के बाद महावीर, वीरा से पिंड छुड़ाना चाहता है. तभी वीरा का पिता पुलिस के साथ आ धमकता है. पुलिस की गोली से महावीर मारा जाता है. वीरा की मानसिक हालत खराब हो जाती है. उसे लगता है कि अपने पिता के घर में भी वह असुरक्षित है. यहां वीरा के साथ बचपन में उस के अंकल द्वारा किए गए यौन शोषण का जिक्र किया गया है. वीरा घर छोड़ कर पहाड़ों पर उसी घर में चली जाती है जहां वह महावीर के साथ रही थी.

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