मेले में मस्ती : मेला चाहे गांवकसबे का हो या कोई मशहूर मेला हो, मकसद महज मौजमस्ती ही होता है. ऐसी ही कशिश सूरजकुंड मेले की भी है. मेले के धमालों के साथसाथ मेला देखने आई हसीनाएं भी मेले में चार चांद लगा देती हैं.

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