खेती के लिए एकदम फ्लैट यानी समतल खेत ही मुनासिब होता?है, मगर खुरपीफावड़े या हाथों से यह काम बहुत मुश्किल होता?है. इसी काम को आसान बना देता है लेजर लैंड लेवलर. जलसंरक्षण को ध्यान में रखते हुए आज यह जरूरी हो गया है कि पानी की हर बूंद का इस्तेमाल किया जाए. आज खेतों में सिंचाई के लिए पुराने तरीके ज्यादा कारगर नहीं हैं, क्योंकि खेतों की जमीन एकसार नहीं है, जिस से पानी ज्यादा बरबाद होता है. इसलिए सब से पहले खेतों की जमीन को समतल करना जरूरी है.

खेतों की जमीन को समतल करने के लिए हमें पुराने तौरतरीके छोड़ कर आधुनिक नई तकनीक वाले तरीके अपनाने होंगे.

आजकल किसान लेजर लैंड लेवलर से अपने खेतों को समतल करते हैं. यह लेजर लैंड लेवलर मशीन पूरी तरह से कंप्यूटर पर आधारित है और ट्रैक्टर में पीछे जोड़ कर चलाई जाती?है.

लेजर किरणों की तकनीक पर आधारित इस मशीन से ऊबड़खाबड़ जमीन समतल बन जाती है. मशीन में ऊपर लगा लेजर किरण यंत्र इसे नियंत्रित करता है.

इस मशीन को ले कर किसानों का रुझान काफी बढ़ा है, क्योंकि इस से कम समय में ही खेत समतल हो जाता है. समतल खेत में पानी लगाते समय पानी की खपत कम होती है और पूरे खेत में एक जैसा पानी फैल जाता?है.

नई फसल लगाने या धान लगाने से पहले किसान इस मशीन का खासतौर पर इस्तेमाल करते हैं, नतीजतन वे कम पानी की खपत में अच्छी फसल ले पाते हैं. इस मशीन के प्रयोग से तकरीबन 30 फीसदी पानी की बचत होती है, साथ ही खेत की मिट्टी में जो उर्वरक तत्त्व होते हैं वे भी बने रहते हैं.आजकल किसानों द्वारा लेवल मास्टर ब्रांड काफी पसंद किया जाता है. आधुनिक तकनीक का लेजर लैंड लेवलर भारत में सब से पहले साल 2002 में स्पैक्ट्रा प्रीसीजन लेजर द्वारा बनाया गया था, जो जल्द ही किसानों का चहेता बन गया और लेवल मास्टर के नाम से मशहूर हुआ.लेवल मास्टर किसानों के साथसाथ विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदों, राज्य सरकारों और दूसरे संस्थानों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है.    

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