खासीयतों से भरपूर ट्रैक्टर खेती के लिए बहुत जरूरी है. कृषि में काम आने वाले तमाम यंत्रों को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता?है. ट्रैक्टर के अगले व पिछले हिस्से में लगने वाले तमाम कृषि यंत्रों से जुताई, बोआई, मड़ाई, फसल की रोपाई फसल कटाई के साथ ही फसल की ढुलाई व सिंचाई का काम भी लिया जाता?है.
खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले यंत्रों की उपयोगिता के अनुसार कई मौडलों के?ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जाता?है, जिन की ताकत हौर्सपावर से आंकी जाती?है. खेती के लिए कल्टीवेटर, हैरो, रोटावेटर, रोटरी, ट्रिलर, प्लाऊ, सहित अनेक यंत्रों को काम के अनुसार ट्रैक्टर से जोड़ कर इस्तेमाल किया जाता है. इस के अलावा फसल के बोआई, मड़ाई, रोपाई व सिंचाई के लिए भी कई तरह के यंत्र इस्तेमाल में लाए जाते?हैं.
चूंकि ट्रैक्टर का इस्तेमाल हमेशा मिट्टी व पानी में किया जाता?है और इस में ज्यादातर पुर्जे घूमने वाले होते?हैं, इसलिए इन के कलपुर्जो व इस से चलने वाले यंत्रों की साफसफाई पर ध्यान देने से यंत्रों की उम्र बढ़ जाती?है. ट्रैक्टर का इस्तेमाल करने वाले किसानों को चाहिए कि वे अपने?ट्रैक्टर की देखभाल करते रहें, इस के लिए उन्हें निम्नलिखित सावधानियों की जरूरत पड़ेगी :
सर्विस : ट्रैक्टर द्वारा लिए जाने वाले कृषि कार्यों में किसी तरह की समस्या न आए इस के लिए यह जरूरी हो जाता?है कि ट्रैक्टर की समयसमय पर सर्विस कराई जाती रहे. एसपीआटोमोबाइल्स बस्ती के मालिक अखिलेश दूबे का कहना?है कि ट्रैक्टर से लंबे समय तक काम लेने के लिए हमें इंजन आयल की जांच करते रहना चाहिए और इंजन को?ठंडा करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले कूलैंट के स्तर की भी जांच करते रहना चाहिए. अगर किसान को लगता है कि कूलैंट की मात्रा कम तो उस मात्रा को समय से पूरा करते रहें. इस के अलावा आगे की एक्सेल व पिछली बैरिंग पर ग्रीस लगा कर चिकना करते रहना जरूरी?है, जिस से ट्रैक्टर में किसी तरह की समस्या न आए.