गन्ने की फसल किसानों के लिए फायदा देने वाली फसल मानी जाती है. एक बार गन्ने की फसल लगाने के बाद 3 सालों तक गन्ने का उत्पादन होता रहता है. कम लागत और सामान्य देखभाल वाली इस फसल पर मौसम की मार भी ज्यादा नहीं पड़ती. परंपरागत तरीके से गन्ने की खेती करने से लागत अधिक और उत्पादन कम मिलता है. इस समस्या से निबटने के लिए किसान गन्ने की खेती में नएनए प्रयोग करने लगे हैं.

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक किसान परिवार ने अपने घर की छत पर गन्ने की पौध तैयार कर के दूसरे किसानों के लिए भी एक मिसाल कायम की है. किसान द्वारा किए गए इस नवाचार को गांवकसबे के दूसरे किसान भी अपनाने लगे हैं.

आमतौर पर किसान फसल की पौध को खेत या खलिहान में तैयार करते हैं, पर खेतखलिहान में तैयार पौध को छुट्टा जानवरों और पशुपक्षियों द्वारा नुकसान पहुंचता है. इसी बात के मद्देनजर गाडरवारा तहसील के एक छोटे से गांव टेकापार के 2 सगे भाइयों भगवान सिंह राजपूत और कृष्णपाल सिंह राजपूत ने घर की छत पर गन्ने की पौध तैयार कर दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा देने का काम किया है.

अपने खेत की 6 एकड़ जमीन पर गन्ना लगाने के लिए दोनों किसानों ने यह नया तरीका अपनाया है. उन के बताए अनुसार खेतों में सीधे गन्ना लगाने से ज्यादा गन्ने की जरूरत पड़ती है और इस में से 10 से 20 फीसदी गन्ने की गांठों से अंकुरण नहीं होता है, जबकि गन्ने की एक आंख से इस तरह की पौध तैयार करने से 100 फीसदी गन्ने से पौधे उग आते हैं और फसल बीमारियों से भी पूरी तरह महफूज रहती है.

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