खेती में परंपरागत तरीकों से हट कर नएनए प्रयोग करना किसानों के लिए मददगार साबित हो रहा है और खेती मुनाफे का धंधा भी बन रही है. मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के 2 युवाओं ने अपनी पढ़ाई के साथसाथ खेतों में नवाचार कर दूसरे किसानों के लिए भी नई राह बनाई है.

नरसिंहपुर जिले के एक छोटे से गांव लोलरी के रहने वाले मुकुल लांघिया और अभिषेक लोधी ने एक एकड़ जमीन में स्ट्राबेरी की खेती कर 5 लाख रुपए तक का मुनाफा कमाया है.

लोलरी गांव के रहने वाले मुकुल लांघिया और अभिषेक लोधी ने यहां के किसानों को लाभदायक स्ट्राबेरी की खेती का एक नया रास्ता दिखाया है.

24 साल के लोलरी गांव के बाशिंदे मुकुल एमबीए के छात्र हैं, जबकि उन के सहयोगी अभिजीत फार्मेसी का कोर्स कर रहे हैं. इन दोनों युवाओं ने पढ़ाई के साथ ही कुछ नया करने की सोची और अपने खेतों में स्ट्राबेरी की खेती करने की योजना बनाई. दोनों ने इस की खेती की तकनीकी जानकारी के लिए हिमाचल प्रदेश के गांवों का दौरा कर वहां के किसानों से मिल कर खेती की तकनीकी की जानकरी प्राप्त की.

बातचीत के दौरान मुकुल बताते हैं कि पहले उन्होंने जबलपुर में मिट्टी प्रयोगशाला में अपने खेत की मिट्टी की जांच कराई और वहां से स्ट्राबेरी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी होने की रिपोर्ट मिलने पर खेती शुरू की.

वैसे, अक्तूबर महीने में स्ट्राबेरी की खेती शुरू की जाती है, लेकिन उन्होंने थोड़ी देर से नवंबर महीने में स्ट्राबेरी का प्लांटेशन किया. तकरीबन एक एकड़ यानी 80 डिसमिल क्षेत्रफल में स्ट्राबेरी के तकरीबन 12,000 पौधे लगाए, शेष बचे हुए हिस्से में ब्रोकली के 3,000 पौधे लगाए. अब यह फसल पक कर तैयार हो गई है और वह जबलपुर, बालाघाट, भोपाल, इंदौर, सागर, मंडला और दूसरे बड़े शहरों में सप्लाई कर रहे हैं.

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