पालक आयरन से भरपूर होती?है. यह एक ऐसी फसल है, जो कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देती है. पालक की 1 बार बोआई करने के बाद उस की 5-6 बार कटाई की जाती है. इस की फसल में कीटों व बीमारियों का प्रकोप कम पाया जाता है. पालक की फसल पूरे साल ली जाती?है. इस के लिए अलगअलग महीनों में इस की बोआई करनी पड़ती है. वैसे अक्तूबर से अप्रैल तक का समय पालक की खेती के लिए सब से मुफीद होता है. पालक की खेती करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि जिस खेत में आप उसे बोने जा रहे?हैं, वह समतल हो और उस में जलनिकासी का अच्छा इंतजाम हो. पालक की खेती के लिए सब से अच्छी मिट्टी बलुई दोमट या मटियार होती है.

पालक की बोआई से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर के मिट्टी को?भुरभुरी बना लेना चाहिए. इस के लिए हैरो या कल्टीवेटर से 2-3 बार जुताई की जानी चाहिए. जुताई के समय ही खेत से खरपतवार निकाल देने चाहिए. अच्छी उपज के लिए खेत में पाटा लगाने से पहले 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद व 1 क्विंटल नीम की खली या नीम की पत्तियों से तैयार की गई खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में बिखेर देना चाहिए. पालक की उन्नत प्रजातियां : पालक की बोआई से पहले ही यह पक्का कर लें कि आप जिस किस्म का चयन कर रहे हैं वह अधिक उत्पादन देने वाली हो.

पालक की उन्नतशील प्रजातियों में जोबनेर ग्रीन, हिसार सिलेक्सन 26, पूसा पालक, पूसा हरित, आलग्रीन, पूसा ज्योति, बनर्जी जाइंट, लांग स्टैंडिंग, पूसा भारती, पंत कंपोजिटी 1, पालक नंबर 15-16 खास हैं. इन प्रजातियों के पौधे लंबे होते हैं. इन के पत्ते कोमल व खाने में स्वादिष्ठ होते हैं.

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