खेतों में करें चूहा प्रबंधन घर हो या खेतखलिहान या फिर हो दुकान, चूहे हर जगह पाए जाते हैं, जो घरों में, दुकानों में सामान काट कर खा कर, नुकसान तो पहुंचाते ही हैं, खेतखलिहानों में भी ये बहुत नुकसान करते हैं. खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचाने वाले जीवों में चूहों का पहला स्थान है. एक चूहा एक दिन में तकरीबन 10-60 ग्राम तक अनाज खा सकता है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल उत्पादित खाद्यान्न का तकरीबन 8 से 10 फीसदी चूहे ही बरबाद कर देते हैं और एक बड़ी आबादी के हिस्से का खाद्यान्न खा जाते हैं. साथ ही, खाने के साथसाथ अपने मलमूत्र से अनाज को भी दूषित करते हैं और बीमारियां भी फैलाते हैं.

मादा चूहा 1 साल में 8 से 10 बार बच्चा देती है और एक बार में 6 से 12 बच्चे दे सकती है. एक जोड़ी चूहे यदि नियंत्रित न हों, तो एक साल में 1,000 से 1,200 तक की संख्या बढ़ा सकते हैं. चूहों की संख्या मईजून महीने में कम होती है, यही समय चूहा नियंत्रण अभियान के लिए सही है. क्षेत्र विशेष के लोगों को मिल कर इस की रोकथाम के लिए सामूहिक रूप से अभियान चलाना चाहिए. जानकारी में पाया है कि चूहों के दांत बड़ी तेजी से बढ़ते हैं, इसीलिए आप ने देखा भी होगा कि ये चूहे घरों में कुछ न कुछ काटते रहते हैं. इस समय अनाज भंडारण का भी समय है, इसलिए चूहों पर काबू पाना बहुत जरूरी है, नहीं तो वे भारी नुकसान पहुंचाएंगे.

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