हमारे देश में पूरे साल अंडों की बहुत मांग रहती है और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रीशन की राय के तहत भी हर इनसान को 1 साल में 180 अंडे और 11 किलोग्राम चिकन मीट खाना चाहिए, जबकि हमारे देश में साल भर में हर इनसान केवल  53 अंडे और 2.5 किलोग्राम चिकन मीट ही खा पाता है. अब आप इस आंकड़े से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे देश में पोल्ट्री इंडस्ट्री के विकास की कितनी गुंजाइश है. गांव के बहुत से बेरोजगार नौजवान पोल्ट्री बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, पर वे जानकारी न होने की वजह से इस कारोबार में हाथ डालने से घबराते हैं. कोई व्यक्ति इस काम में हाथ डाल भी देता है, तो पोल्ट्री बिजनेस की पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से उस का पोल्ट्री कारोबार कामयाब नहीं होता. पोल्ट्री का बिजनेस शुरू करने से पहले इस बिजनेस की हर बारीकी को जान लेना चाहिए, जैसे कौन सी नस्ल (स्ट्रेन) को पाल कर कम खर्चे पर ज्यादा अंडे पैदा किए जा सकते हैं.

हमारे देश के गांवों में ज्यादातर किसान बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग कर के अंडे और चिकन मीट पैदा करते हैं, जिस का इस्तेमाल वे अपने परिवार के खाने में ही कर लेते हैं. अगर ये किसान अपनी बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को कमर्शियल लेयर/ब्रायलर प्रोडक्शन की यूनिट में बदल दें, तो घर के खाने के अलावा कमाई का एक अच्छा जरीया बना सकते हैं. किसानों के पास खुद की जमीन होती है और शेड बनाने में ज्यादा खर्च भी नहीं होता. अंडा एक बहुत ही पौष्टिक खाना है, सुबह नाश्ते में 1 या 2 अंडे खाए जाएं तो दोपहर तक भूख नहीं लगेगी यानी नुकसानदायक चीजें जैसे परांठे, ब्रेडपकौड़े, समोसे वगैरह खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आप को भूख नहीं लगेगी. वैसे भी ब्रेडपकौड़े व समोसे वगैरह हर इनसान को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर इस की जगह अंडे खाए जाएं, तो  शरीर को जरूरी विटामिन व मिनरल की पूर्ति कम दामों में होगी और सेहत भी अच्छी बनी रहेगी.

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