प्याज काटने से अकसर आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन पिछले दिनों मंडियों में प्याज के दाम गिरने से किसान खून के आंसू रोते रहे. किसान मुनाफा तो दूर, उपज की लागत व मंडी में प्याज लाने का भाड़ा तक नहीं निकाल पाए. लिहाजा बहुत से किसानों ने इस बार प्याज की खेती से तोबा कर ली. प्याज ही क्या आलू हो या गन्ना, मिर्च हो या टमाटर, जब जिस फसल की पैदावार ज्यादा हो जाती है, तो उस की कीमतें धड़ाम से नीचे गिर जाती हैं. इस से नुकसान किसानों का होता है. अकसर वे बरबाद हो जाते हैं. लिहाजा बेहद जरूरी है कि किसान इस मुसीबत से नजात पाने के लिए कारगर उपाय अपनाएं.

प्याज की प्रोसेसिंग

उपज की कीमत बढ़ाने व उसे बरबाद होने से बचाने के लिए उस की प्रोसेसिंग करना एक कारगर तरीका साबित हुआ है. प्याज की भी प्रोसेसिंग यानी डब्बाबंदी की जा सकती है. प्याज उत्पादक तकनीक सीख कर प्याज प्रोसेसिंग इकाई लगा सकते हैं और प्याज से कई तरह के उत्पाद बना सकते हैं. बाजार में सिरके की प्याज, प्याज का पेस्ट व पाउडर आदि कई उत्पाद मिलते हैं. ज्यादातर किसान नहीं जानते कि अब देशविदेश में प्याज का पेस्ट, क्रीम, भुनी प्याज, करारी प्याज, प्याज के छल्ले, प्याज का तेल, प्याज का अचार, प्याज फ्लेक्स, सूखा प्याज, प्याज का सिरका, प्याज का सास, प्याज का सूप, प्याज का जूस, छिली प्याज व प्याज के बेवरेज पेय आदि की मांग दिनोंदिन तेजी से बढ़ रही है.

दरअसल, ताजे प्याज के मुकाबले प्याज के प्रोसेस्ड उत्पादों को इस्तेमाल करना ज्यादा आसान है. नई तकनीक से प्याज का इस्तेमाल रंग व एसेंस आदि बनाने में भी किया जा सकता है. साथ ही बचे प्याज का कचरा व सड़ी हुई प्याज भी बेकार नहीं जाती. उसे बायोगैस बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. लिहाजा सूझबूझ के साथ व चेन बना कर उत्पादन करने से उत्पादों की लागत घटती है, उपज खपती है व मुनाफा बढ़ता है.

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