तकनीकी दौर में आज अनेक कृषि उत्पादों की प्रोसैसिंग कर गिनेचुने किसान और कंपनियां खासा मुनाफा कमा रही हैं. लेकिन ज्यादातर किसानों को इस बारे में जानकारी नहीं है या वे कर नहीं पाते. नतीजतन, अपनी फसल से बंपर पैदावार होने पर भी वे अपनी उपज को औनेपौने दामों पर मंडी में बेचने को मजबूर हो जाते?हैं. मंडी में भी कई दफा इतने कम दाम मिलते हैं कि वहां ले जाने का किराया भी नहीं मिल पाता. ऐसे में किसान अपनी उपज को जानवरों को खिलाता है या ऐसे ही सड़कों पर फेंक देता है. इस समस्या से निबटने के लिए किसान क्या करें.
इसी संदर्भ में हमारी बातचीत जैन फार्म फ्रैश फूड लिमिटेड के डायरैक्टर अथांग जैन से हुई. उन का कहना है कि आज हम फार्म फ्रैश के जरीए फलसब्जी की प्रोसैसिंग कर किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि फार्म फ्रैश जैन इरिगेशन की सहयोगी इकाई है जिस में ड्रिप इरिगेशन में हमारा मुख्य उद्देश्य किसान कम पानी में खेती से अच्छी पैदावार ले सकें. किसान को पैदावार तो अच्छी मिलने लगी परंतु उपज का बाजार भाव कम मिलने लगा इसलिए हम किसानों से उन की उपज खरीदने लगे, फिर उन्हें प्रोसैस कर देशविदेश में बेचने लगे ताकि आमदनी से किसान को भी बेहतर फायदा मिल सके.
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अथांग जैन का मानना?है कि कृषि को अगर तकनीक से किया जाए तो मुनाफा निश्चित है. आज खेती में अनेक ऐसे रास्ते हैं जो आप को तरक्की की ओर ले जाते?हैं जिन में फूड प्रोसैसिंग, हाईटैक फार्मिंग, टिश्यू कल्चर फार्मिंग वगैरह खास हैं.
आप का कहना है कि आप किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद कर रहे?हैं. इस पर कुछ विस्तार से बताएं कि आप का किसानों से जुड़ने का जरीया क्या है, उन्हें किस तरीके से आप उन की पैदावार की अच्छी कीमत दे पाते हैं.
जी हां, यह हमारा गंभीर व सार्थक प्रयास भी है. इस को विस्तार से बताने से पहले मैं एक खास पृष्ठभूमिका से आप को अवगत कराना चाहूंगा कि इस कंपनी यानी जैन इरिगेशन व अन्य सहयोगी कंपनियों के संस्थापक पद्मश्री भंवरलाल जैन, मेरे दादा स्वयं एक किसान परिवार में जनमे थे और किसान थे. हमारे पूर्वज राजस्थान से रोजगार की तलाश में मरूभूमि से यहां जलगांव जिले के बाकोद गांव में बस गए. खेती व्यवसाय के साथ ग्रामीण हाट में व्यवसाय भी किया. शिक्षा पूरी करने के बाद उन का चयन राज्य प्रशासनिक सेवा में हुआ था. नौकरी स्वीकार करने के बजाय उन्होंने अपनी मां के सुझाव से कृषि एवं कृषक संबंधी उपकरणों, साधनों का व्यवसाय शुरू किया.
अब आप के मूल प्रश्न के जवाब की ओर आता हूं कि हम किस तरह से किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करते?हैं. हमारी कंपनी किसानों को विभिन्न बागबानी फसलों के उन्नत और अधिक पैदावार देने वाली किस्मों के टिश्यू कल्चर पौधे मुहैया कराती?है और किसानों को उन से बेहतर पैदावार मिल सके, इस के लिए समयसमय पर हमारे विशेषज्ञ उन के फार्महाउस पर जाते हैं जो जरूरत के मुताबिक उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण दे कर उन की मदद करते?हैं. कंपनी का अपना 1,200 एकड़ में फैला अत्याधुनिक कृषि संशोधन व प्रदर्शन प्रक्षेत्र है जहां सालभर कृषि से जुड़ी जानकारी व विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है.
हम जो भी नई तकनीक अपनाते हैं, जिस से किसानों को फायदा होता हो चाहे वह पौधे, बीज, खाद, सिंचाई, कीटनाशक के उपयोग वगैरह के बारे में हो, उसे हम किसानों तक पहुंचाते?हैं.
आप ने टिश्यू कल्चर पौधों के बारे में बात की?है, इन में केला, अनार, स्ट्राबेरी व अन्य फलों के मोडिफाई पौधे जैसे आम, चीकू, अमरूद, सीताफल, पपीता व ऐसे अनेक पौधे मुहैया कराते हैं. उन की फसल आने पर फलों को प्रोसैस कर उन से रस, पल्प वगैरह को बाजार में उपलब्ध कराते?हैं व कोकाकोला जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां इस उत्पाद को अपने लिए इस्तेमाल करती?हैं.
‘फार्म फ्रैश’ के तहत अन्य फसल प्याज, लहसुन, मिर्च, अदरक, हलदी, धनिया वगैरह मसाले और केला, अनार, आम वगैरह फलों के रस व पल्प खुदरा मार्केट में भी मौजूद होने लगे?हैं. चूंकि किसान को अपनी फसल की सही कीमत कंपनी से मिल जाती?है और किसानों को बाजार के भाव में तेजी, मंदी, मध्यस्थता के खर्च वगैरह में बचत होती?है.
अभी आप की पहुंच किनकिन इलाकों के किसानों तक?है जहां से आप किसानों की पैदावार खरीदते?हैं?
अभी हमारी पहुंच अलगअलग फसलों के लिए अलगअलग इलाकों में है जहां उन का उत्पादन बहुतायत होता है. उदाहरण के लिए प्याज के लिए नासिक, जलगांव, गुजरात के कुछ जिले, केले के लिए जलगांव के आसपास का?इलाका भारत में प्रसिद्ध है ही. स्वीट ओरैंज के लिए विदर्भ, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा, बैतूल इलाका, अनार के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आम के लिए महाराष्ट्र, कोंकण, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, लहसुन के लिए मध्य प्रदेश के रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले व राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ इलाका, अमरूद के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, स्ट्राबेरी के लिए नासिक, महाबलेश्वर व महाराष्ट्र के दूसरे जिले, मिर्च के लिए निमाड़?इलाका व आंध्र प्रदेश व हलदी के लिए महाराष्ट्र का सांगली, कोल्हापुर व दूसरे इलाकों में हमारी अच्छीखासी पहुंच है.
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फलों के अलावा क्या सब्जियों पर भी कुछ काम करने का इरादा है,
जी हां, आने वाले समय में सब्जियों के निर्जलीकरण व प्रसंस्करण की योजना है.
अभी जिन फलों को आप अपने उत्पाद में इस्तेमाल करते?हैं, क्या वह जैविक तरीके से उगाए गए होते?हैं?
यह अच्छी बात है कि किसानों का झुकाव भी अब जैविक खेती की ओर तेजी से हो रहा?है. कंपनी इस काम को बढ़ावा दे रही?है. हालांकि हमारी कोशिश यही है कि अधिकतम उत्पाद जैविक प्रणाली से उत्पादित हों. खाद, कीटनाशकों के उपयोग को सीमित करते हुए उस का विपरीत असर फसलों पर न हो, उस का खास ध्यान रखते?हैं.
अगर कोई किसान आप की संस्था से जुड़ना चाहे तो वह किस तरह से और कहां संपर्क करे?
जो भी किसान हमारी संस्था से जुड़ना चाहता?है तो वह कंपनी की तय शर्तों व नियमों के मुताबिक जुड़ सकता?है. उन का स्वागत है. उन के लिए वे हम से इस पते पर संपर्क कर सकते हैं:
गेट नंबर 139/2, जैन फूड पार्क, जैन व्हैली, सिरसोली, जलगांव-425001. फोन नंबर 0257-2260033/44
किसानों के लिए कोई ऐसा सुझाव देना चाहेंगे जिन से उन्हें पैदावार की बेहतर कीमत मिल सके?
बेहतर पैदावार, अधिक आमदनी, सही दाम हासिल करने के लिए हमारा खास सुझाव है कि किसान उत्पादन देने वाली अच्छी किस्म की फसलों का चयन करें और कृषि उत्पादन के प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन करें.
सिंचाई के सही साधन व प्रणाली अपनाते हुए फसल को जरूरत के मुताबिक प्रतिदिन पानी दें व विशेषज्ञों द्वारा की गई सिफारिशों का पालन करें.
एक बात और साफ करना चाहता हूं कि जमीन, सिंचाई व दूसरे कृषि उत्पाद के बाबत बहुत सी भ्रांतियां किसानों को हैं. उन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए आधुनिक व नवाचारित खेती करने के तरीकों को देखने के लिए हमारे जलगांव स्थित प्रक्षेत्र पर पधारें, उन का स्वागत कर हमें बेहद खुशी होगी.
(अथांग जैन, डायरैक्टर, जैन फार्म फ्रैश फूड लिमिटेड)