कपास यानी नरमा को?भारत में ‘सफेद सोना’ भी कहा जाता?है. लेकिन पिछले साल हरियाणा और पंजाब राज्यों में इस सफेद सोने पर सफेद मक्खी ने जम कर कहर बरपाया था. जिस से यह ‘सफेद सोना’ न रह कर ‘खोटा सोना’ बन गई थी और किसानों को हजारोंलाखों रुपए की चपत लगी थी. सरकार को करोड़ों रुपए मुआवजे के तौर पर जारी करने पड़े थे. पिछली बार अनेक बीज कंपनियों व कीटनाशक कंपनियों के सारे दावे धरे रह गए और नरमा फसल पर सफेद मक्खी के प्रकोप को अनेक तरह के कीटनाशक भी नहीं रोक पाए. इस बार इन्हीं सब बातों को ध्यान में रख कर पंजाब सरकार ने सफेद मक्खी के काले साए से नरमा फसल को बचाने के लिए ‘वार प्लान’ तैयार किया है. इस योजना के तहत कपास की खेती में माहिर कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीमें तैनात की जाएंगी. टीमों में 200 से ज्यादा जानकार लोग होंगे, जो समयसमय पर नरमा फसल का मुआयना करेंगे.

हरियाणा सरकार ने पिछले साल सफेद मक्खी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अब जा कर 967 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी किया है, जो किसानों के बैंक खातों में सीधा जाएगा.दूसरी तरफ धोखा खा चुके किसानों ने भी कमर कस ली है. कपास बोने वाले किसानों का कहना है कि हम नरमा फसल में उत्पादन के लिए बीज की अच्छी किस्म से ले कर बीजाई के खास तरीके अपनाएंगे और समयमसय पर जानकारों से सलाहमशवरा भी करेंगे. कृषि जानकारों का मानना है कि नरमा की अच्छी पैदावार के लिए खेत में नरमा पौधों की सही संख्या होना और सिंचाई का सही इंतजाम होना जरूरी है. नरमा पौधों की सही संख्या के बाद पौधों के लिए सही मात्रा में खाद व पानी की जरूरत होती है. उस के अलावा खास बात लंबी अवधि तक फल देने वाले बीज का चुनाव भी है.

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