राष्ट्रीय बागबानी अनुसंधान संस्थान एवं विकास प्रतिष्ठान 35 सालों से किसानों के लिए सब्जी की खेती पर खासा सहयोग कर रहा है, खासकर के प्याज, लहसुन, टमाटर, लोबिया, मटर, धनिया, मेथी, सहजन जैसी सब्जियां का बेहतर बीज भी मुहैया करा रहा है. टमाटर और मिर्च के संकर बीज भी संस्थान द्वारा मुहैया कराए जाते हैं. इन संकर बीजों की क्वालिटी बाजार में मौजूद दूसरे बीजों से कहीं बेहतर है.
टमाटर बीज अर्का रक्षक : बीज की यह प्रजाति भारतीय बागबानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलुरु द्वारा विकसित की गईर् है. इस प्रजाति का पौधा लगभग 100 सैंटीमीटर ऊंचा, ज्यादा शाखाओं वाला होता है. इस में मिलने वाली उपज का रंग गहरा लाल होता है.

फसल में फूल लगभग 60 दिन में ही 50 फीसदी तक आ जाते हैं. बोआई के तकरीबन 90 दिन बाद तुड़ाई के लिए टमाटर तैयार हो जाते हैं. 140 से 145 दिन में इस प्रजाति के फल 80 से 90 ग्राम तक के वजन
में तैयार हो जाते हैं. तकरीबन 750 से 800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज मिलती है. इस प्रजाति में झुलसा जैसे रोग का हमला भी नहीं होता.

कैसे करें टमाटर की खेती

अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए.नर्सरी लगाने का समय : पौध तैयार करने के लिए बीज को उत्तरी भारत के लिए सितंबर से अक्तूबर माह, दक्षिण भारत के लिए मई, जून माह और मध्य पश्चिमी इलाकों के लिए फरवरी, मार्च माह में नर्सरी डालते हैं.

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सिंचाई : पहली सिंचाई पौध लगाने के तुरंत बाद करनी चाहिए और बाद में सिंचाई मिट्टी में 50 फीसदी नमी होने पर जरूरत के अनुसार करें.

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