फलसब्जियों को तैयार करना : चुने हुए फलसब्जियों को साफ पानी में धो कर साफ कर लेते हैं और सही आकार के टुकड़ों में काट लेते हैं.

विवर्णीकरण : इस के अंतर्गत कटी हुई सब्जियों को गरम पानी में तकरीबन 3-5 मिनट तक हलका उबाल कर मुलायम बना लेते हैं. सब्जियों के हरे स्वाभाविक रंग को बनाए रखने के लिए जिस पानी में उबालने के बाद सब्जियों को ठंडा करते है, उस में 0.5 प्रतिशत पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट डाल सकते हैं.

सुखाना : विवर्णीकरण के बाद सब्जियों को निर्जलीकरण यंत्र की जालियों पर एक निश्चित ताप और तय समय के लिए रख कर सूखने के लिए छोड़ देते हैं.

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संग्रहण : सूखने के बाद फलसब्जियों को सूखे बरतन में बंद कर नमीरहित स्थान पर संग्रहित कर देते हैं.
मटर थोड़ा नरम मटर ही सूखने के लिए चुनना चाहिए. मटर को एकत्र करने के तुरंत बाद निर्जलीकरण करना चाहिए, क्योंकि मीठे मटर की अधिकांश शर्करा 24 घंटे के अंदर स्टार्च (मांड) में बदल जाती है. इसलिए जितना सुखाने में देर करेंगे, उतनी ही मटर की मिठास कम हो जाएगी. फली में से मटर निकाल कर श्रेणीकरण, विवर्णीकरण के पश्चात टे्र में एकसमान फैला दें. इस के बाद धूप या सौर शुष्कक में सुखाएं. इस प्रकार 20-30 प्रतिशत शुष्क पदार्थ प्राप्त होता है.

गाजर सुखाने के लिए पीले रंग की गाजर उत्तम होती है. गाजर को अच्छी तरह साफ पानी से धोने के बाद 8-10 मिलीमीटर टुकड़ों में कतर ली जाती है. इस के बाद 3 से 4 मिनट तक उबलते पानी या भाप में विवर्णीकरण करने के बाद 10 मिनट तक पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट के ठंडे घोल में उपचार करते हैं. घोल से निकाल कर पानी निथार कर धूप या सौर शुष्कक में सुखाया जाता है. धूप में सूखने के लिए तकरीबन 15 घंटे लगते हैं. जब हर टुकड़ा टूटने लायक हो जाए, तब वायुरुद्ध अवस्था में पौलीथिन में पैक कर के रखें.

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बैगन सुखाने के लिए पूर्ण विकसित नरम बैगनों की जरूरत होती है, चाहे बैगन बैगनिया रंग के हों या हरे या सफेद. इन्हें साफ पानी से धो कर डंठल अलग कर के 5-6 मिलीमीटर मोटाई में गोलाकार या लंबाई में कतर लेते हैं. कतरते समय बैगन काले हो जाते हैं. इस को रोकने के लिए 0.5 प्रतिशत पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट के घोल में कतरन को डालते रहें. इस घोल में कतरे हुए टुकड़ों को 10 मिनट तक रखते हैं. इन टुकड़ों को गरम पानी में 3-4 मिनट तक विवर्णीकरण करते हैं. सुखाने के समय 50 से 60 डिगरी सैंटीग्रेड से अधिक तापमान न होने पाए. इस प्रकार ये 8-9 घंटे में सूख जाते हैं.

हरी मेथी हरी मेथी जो शाक के लिए उगाई गई हो, सुखाने के काम में लेनी चाहिए. पत्तों को एकत्र कर, मोटे डंठलों को अलग कर के साफ पानी से अच्छी तरह धोया जाता है, ताकि पत्तों में लगी मिट्टी, सूक्ष्म जीव और कीड़ेमकोड़े नहीं रहें. इस के बाद 0.5 फीसदी पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट, 0.1 फीसदी मैग्नीशियम सल्फाइट और 0.1 फीसदी खाने के सोडे के घोल में 3 से 4 मिनट तक विवर्णीकरण करते हैं. सुखाने के समय तापमान 60 डिगरी सैंटीग्रेड से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसे छाया में भी सुखाया जा सकता है.

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पालक हरी पत्तियों को साफ पानी में पूरी तरह धो लेना चाहिए, ताकि धूलमिट्टी के कण साफ हो जाएं. इस के बाद पत्तियों के तने व क्षतिग्रस्त पत्तियों को अलग कर लेना चाहिए, क्योंकि क्षतिग्रस्त पत्तियों से विटामिनों की हानि हो जाती है. काटने के बाद पत्तियों को एक बार दोबारा धोया जाना चाहिए. कटाई से पालक में तकरीबन 45 से 65 फीसदी तक हानि होती है. इस के बाद पालक को विवर्णीकरण किया जाता है, जिस में पालक को उबलते पानी या भाप में 2 मिनट तक रखते हैं या उस की पत्तियों की नसें न दिखने लगें, तब तक उस को भाप देते रहें. विवर्णीकरण की प्रक्रिया के लिए पतले तार वाली छलनी या टे्र को प्रयोग में लाते हैं. पालक के निर्जलीकरण के लिए शुष्कक प्रयोग में लाते हैं. इस को 4 फीसदी की नमी तक सुखाते हैं. इस का उत्पादन कुल पालक का 3.5 फीसदी से ले कर 6.5 फीसदी तक होता है.

भिंडी सुखाने के लिए स्वस्थ व कीट बाधारहित भिंडियों का चुनाव करना चाहिए. छोटे आकार की भिंडियों को बिना काटे ही सुखाते हैं, पर डंठल व सिरे अलग कर लेते हैं. बड़े आकार की भिंडियों के डंठल इत्यादि अलग कर के 5 से 7 सैंटीमीटर लंबाई में टुकड़े काट लेते हैं. काटते समय ध्यान रहे कि भिंडी का बीज बाहर से नजर न आए. अब इन टुकड़ों को उबलते पानी या भाप से 8 से 10 मिनट तक विवर्णीकरण करें व 0.1 फीसदी पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट घोल में 10 मिनट रखने के बाद पानी निकाल कर सुखा दें. इन टुकड़ों को 60 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान पर सुखाया जाता है. धूप में भी इसे सुखाया जा सकता है.
फूलगोभी फूलगोभी सुखाने के लिए ताजी कीटरहित गोभी काम में लेनी चाहिए.

सब से पहले ठंडल व बाहरी पत्ते अलग कर 10 सैंटीमीटर मोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए. इन टुकड़ों को साफ पानी से धो कर 5 से 6 मिनट तक उबलते पानी में या वाष्प से विवर्णीकरण करें. इस के बाद 0.1 फीसदी पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट के धोल में 10 से 12 मिनट तक डुबो कर रखना चाहिए. उस के बाद टुकड़ों को पानी से निकाल कर धूप या सौर शुष्कक में 50 डिगरी सैंटीग्रेड तापमान पर सुखाया जाता है.
पत्तागोभी पत्तागोभी की ऊपर की सूखी व खराब पत्तियां काटछांट कर के उस को साफ पानी में धो लेते हैं. बाहर की मात्र 1 या 2 पत्तियों को ही हटाते हैं, वरना उस के पोषक तत्त्व कम होने का डर रहता है. इस के बाद छिली हुई पत्तागोभी को 5-6 मिलीमीटर की चौड़ाई में काट लेते हैं. कटे हुए पत्तों को एक घंटे से ज्यादा नहीं रखें और उस का विवर्णीकरण कर लें. उबलते पानी या भाप में 1 से 2 मिनट तक विवर्णीकरण करते हैं.

इस के बाद 0.1 फीसदी सोडियम सल्फाइट व 0.1 फीसदी सोडियम बाईसल्फाइट के घोल में 10-12 मिनट तक डुबो कर रख देते हैं. उस के बाद उसे छेद वाली ट्रे में रख कर शुष्कक में तब तक सुखाते हैं, जब तक इस में नमी की मात्रा 7 फीसदी न हो जाए. सूखे उत्पाद की मात्रा लगभग 4 से 6 फीसदी बैठती है.
प्याज प्याज के कंद का ऊपर का छिलका हटा कर व उस के दोनों सिरों को स्टील के चाकू से काट देते हैं, ताकि उस की जड़ें व सूखी पत्तियां साफ हो जाएं. इस के बाद 3 मिलीमीटर से 6 मिलीमीटर के टुकड़े काट लेते हैं.

प्याज के कंदों के टुकड़े काटते समय जगह खुली होनी चाहिए, ताकि काटने वाले को किसी तरह की परेशानी न हो. इस में छिलाई व छंटाई का नुकसान तकरीबन 3 से 10 फीसदी होता है. इस के बाद कटे हुए कंद के टुकड़ों को शुष्कक में रखते हैं. इस का तापमान 60-70 डिगरी सैलिसयस होता है. इस को 4-5 फीसदी की नमी तक सुखाते हैं. सूखे प्याज की मात्रा तकरीबन 11 फीसदी तक बैठती है.लहसुन निर्जलीकृत लहसुन उत्पाद जैसे फ्लैक्स, गेन्यूल्स, पाउडर आदि बना कर विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है. लहसुन का निर्जलीकरण टनल ड्रायर, सोलर ड्रायर, गरम हवा वाले ड्रायर में करते हैं. भारतीय मानक संस्थान के आधार पर सुखाई से पहले लहसुन को किसी भी रसायन या रंग बढ़ाने वाले पदार्थ आदि से उपचारित करना वर्जित है. पाउडर में नमी 6.5 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए, वरना खराब होने का डर रहता है.

एक किलोग्राम लहसुन पाउडर बनाने के लिए 3 किलोग्राम से 3.5 किलोग्राम ताजा लहसुन की जरूरत होती है. गुणवत्ता को कायम रखने के लिए निर्जलीकृत उत्पादों को टिन के डब्बे, पाउच या उच्च घनत्व वाली पौलीथिन की थैलियों में या फाइल लेमिनेटिड ड्रम में भर देते हैं. निर्जलीकृत उत्पाद सब्जियों, बर्गर, पिज्जा, सलाद, सूप व फास्ट फूड्स में उपयोग में लाए जाते हैं.

लहसुन कंदों की छंटाई व सफाई कर लें. लहसुन की गांठों को तोड़ कर हर कली को अलगअलग करें व जड़, तना और ऊपरी छिलका हटा लें. इस के बाद कलियों को दबा कर पिचकाना जरूरी है, जिस से सुखाई जल्दी हो सके. इन्हें 6.5 फीसदी नमी तक सुखा लें, जिस से लहसुन फ्लैक्स तैयार हो जाते हैं. फ्लैक्स को पीस कर पाउडर भी बना सकते हैं.

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