बगीचे की अच्छी योजना वही कही जाती है जिस में कि हर पेड़ को बढ़ने के लिए सही जगह मिल सके, पेड़ों की देखरेख करने में कोई परेशानी न हो व पेड़ देखने में सुंदर लगें. बगीचे में कम से कम खर्च हो, इस के लिए जहां तक हो सके पेड़ों को सीधी लाइन में लगाना अच्छा रहता है. बगीचे की रूपरेखा बनाने की खास विधियां इस तरह से हैं:

* वर्गाकार विधि

* आयताकार विधि

* त्रिभुजाकार विधि

* षट्भुजाकार विधि

* पंचभुजाकार विधि

* कंटूर विधि

वर्गाकार विधि : यह विधि सब से आसान है. इसे ज्यादातर किसान इस्तेमाल में लाते हैं. किनारों से करीब 6 मीटर जगह छोड़ कर पेड़ लगाने का काम शुरू करना चाहिए. इस विधि में पेड़ों को सीधी लाइन में लगाया जाता है और पेड़ से पेड़ व लाइन से लाइन की दूरी समान होती है.

इस विधि में सब से पहले एक आधार रेखा खींची जाती है, जो पौधे लगाने की दूरी के आधे अंतर पर खींची जाती है. माना कि पौधे लगाने की दूरी 10 मीटर है, तो पहली लाइन की दूरी 5 मीटर रखनी चाहिए. आधार रेखा के दोनों तरफ से समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं और जहां पर ये रेखाएं खत्म होती हैं, वहीं पर इन को एक समानांतर रेखा से मिला देते हैं. इस के बाद तय दूरी पर आधार रेखा पर रेखाएं खींचते हैं. रेखाएं जहां पर एकदूसरे  को काटती हैं, उन जगहों पर पौधे लगाए जाते हैं. इस विधि द्वारा पौधे एक सीधी रेखा में होते हैं और पौधों में एक तय दूरी होने की वजह से बाग घना नहीं हो पाता है. इस से सिंचाई, निराईगुड़ाई, कीटनाशक का छिड़काव, पौधों की कटाईछंटाई व सधाई वगैरह बागबानी के काम करने आसान होते हैं. इस विधि में 2 लाइनों में 4 पौधे मिल कर एक वर्ग तैयार करते हैं.

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