है तो अजीब ही, पर यह सच है कि एक किसान ने नेशनल हाईवे पर ही फसल उगा दी. अपने खेत में सोयाबीन की बोवनी करने के बाद उस किसान के कुछ बीज बच गए, तो वह सोचने लगा कि इन बीजों का वह क्या करे? अगर वह इन्हें बोता है तो कहां बोए, जगह ही नहीं थी. तब उस ने सोचा कि क्यों न इन बचे बीजों को सड़क पर बने डिवाइडर पर ही डाल दिया जाए और उस ने ऐसा कर भी दिया. जब बीज पनपे तो उस में खादपानी देना भी शुरू कर दिया तो इस से अच्छीखासी फसल उग आई. पर अब यही फसल उस के लिए सिरदर्द बन गई.

यह मामला बैतूल भोपाल फोरलेन के किनारे बसे गांव उड़दन का है. यहां एक किसान ने फोरलेन के बीच बने डिवाइडर में लगभग 500 मीटर तक सोयाबीन की बोवनी कर दी. शुरुआत में तो लोगों को लगा कि यह कोई आम घास है, जो अमूमन बरसातों में उग जाती है, पर जब ये पौधे 3 फुट से ज्यादा लंबे हुए तब खुलासा हुआ कि ये कोई आम घास नहीं, बल्कि सोयाबीन लहलहा रही है.

इस सोयाबीन की फसल पर न तो जिला प्रशासन का ध्यान गया और न ही एनएच प्रशासन का. कुछ लोगों ने जिला प्रशासन से इस की शिकायत की तो मामला उजागर हुआ. तहसीलदार ने खुद वहां जा कर देखा तो हैरान रह गए और कार्यवाही के आदेश दिए. साथ ही, किसान को फसल नष्ट करने की हिदायत भी दी. पर अब सवाल यह उठता है कि गलती चाहे जिला प्रशासन की थी या किसान की, पर इस का खमियाजा सजीव पौधे क्यों भुगतें? इन निरीह पौधों को क्यों नष्ट किया जाए?

भोपालबैतूल नेशनल हाईवे के बीचोंबीच बने डिवाइडर पर हरेभरे, लहलहाते खेत क्या कभी आप ने देखे हैं? जवाब होगा, नहीं, लेकिन ठीक इस के उलट ऐसा ही हुआ है. एक किसान ने वाकई अजीब सा ही कारनामा कर दिखाया है. उस ने डिवाइडर पर सोयाबीन के खेत लहलहा दिए. पहले तो यही लगा था कि बारिश में कोई जंगली पौधा पनप रहा होगा या फूल वाला कोई पौधा अपनेआप ही निकल आया होगा, पर हकीकत में ऐसा नहीं था. वजह, कुछ दिनों बाद जब ये पौधे थोड़े बड़े हुए तब पता चला कि यह तो सोयाबीन है.

तब कुछ लोगों ने इस की सूचना जिला प्रशासन को दी. मामले की जांच की गई तो खबर सही पाई गई. मामला सही पाए जाने पर तहसीलदार ने इस में जांच के आदेश दिए और किसान को फौरन फसल नष्ट करने की हिदायत दी.

वहीं उस किसान का कहना है कि उस ने जमीन पर कब्जा या किसी और इरादे से ऐसा नहीं किया, बल्कि खेत में सोयाबीन की बोवनी के बाद उस के पास थोड़ा बीज बच गया था, इसलिए उस ने डिवाइडर की खाली पड़ी जगह पर बीज डाल दिए थे. वही बीज पनप गए और पौधे बन गए.

फसल की नपति की गई तो पता चला कि नेशनल हाइवे के बीच बने डिवाइडर पर तकरीबन 10 फुट चौड़ी और 300 फुट लंबी जगह पर 500 मीटर के दायरे में किसान ने सोयाबीन की बोवनी की है. हालांकि, तहसीलदार की फसल नष्ट करने की हिदायत के बाद इस किसान ने जिन हाथों से बीज डाले थे वही हाथ अब उसे उखाड़ने में लगाने होंगे.

भले ही सोयाबीन की ऐसी लहलहाती फसल देख हर कोई हैरान है, लेकिन यही फसल जिला प्रशासन के साथसाथ एनएच प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई.

बहरहाल, बैतूलभोपाल नेशनल हाईवे पर सोयाबीन की लहलहाती फसल को किसान खुद ही अपने हाथों से उखाड़ेगा, पर अब सवाल उठता है कि इन पौधों ने क्या गलती की कि उन्हें इस तरह मसला जा रहा है? भले ही जमीन प्रशासन की है, पर यह मेहनत तो किसान की है. इस तरह फसल नष्ट करना किसी के गले नहीं उतर रहा, वहीं प्रशासन के लिए सिरदर्द बना यह मामला उक्त किसान पर और क्या कार्यवाही करता है, यह देखने वाली बात होगी.

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