आजकल डेरी फार्म का कारोबार शुरू कर के कोई बेरोजगार या किसान खासी कमाई कर सकता है. पारंपरिक खेती से ऊब चुके या घाटा उठा चुके किसानों के लिए डेरी फार्म सौगात की तरह है. सब से खास बात यह है कि सरकार और कई संस्थाएं इस कारोबार को चालू करने के लिए कई तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं, जिस का फायदा उठा कर खुद की माली हालत को सुधारा जा सकता है और कुछ जरूरतमंदों को रोजगार भी दिया जा सकता है. इस कारोबार की खास बात यह है कि कम से कम 2 गायों से भी डेरी फार्म की शुरुआत की जा सकती है.

व्यावसायिक डेरी फार्म : इस दर्जे का डेरी फार्म शुरू करने में करीब 15 लाख रुपए की लागत आएगी. इस के लिए कम से कम उन्नत नस्ल की 20 गायों की जरूरत पड़ती है. इस के लिए लागत का 75 फीसदी यानी साढ़े 10 लाख रुपए बैंक कर्ज और 15 फीसदी यानी करीब 2 लाख रुपए विभागीय अनुदान के रूप में हासिल किए जा सकते हैं. हर साल गायों को खिलाने, इलाज कराने, बीमा और मजदूरी वगैरह पर साढ़े 7 लाख रुपए और बैंक का लोन चुकाने पर 2 लाख 70 हजार रुपए खर्च हो जाएंगे. दूध व बछियाबछड़े बेच कर 12 लाख 75 हजार रुपए फार्म मालिक के हाथ में आएंगे और सारा खर्च काट कर 1 साल में 2 लाख 70 हजार रुपए की शुद्ध कमाई होगी.

मिडी डेरी फार्म : उन्नत नस्ल की 10 गायों से मिडी डेरी फार्म खोला जा सकता है. इसे खोलने पर कुल 5 लाख 50 हजार रुपए का खर्च बैठता है. जिस में 70 फीसदी यानी 3 लाख 85 हजार रुपए बैंक से कर्ज मिल सकता है. और लागत का 20 फीसदी यानी 1 लाख 10 हजार रुपए गव्य विकास निदेशालय की ओर से मुहैया कराए जाते हैं. फार्म शुरू करने वालों को अपनी जेब से करीब 55 हजार रुपए लगाने पड़ते हैं. चारा, दाना, मजदूरी, पशु बीमा और इलाज पर हर साल करीब 3 लाख 67 हजार रुपए खर्च होते हैं और बैंक कर्ज चुकाने में हर साल 1 लाख 8 हजार रुपए खर्च हो जाएंगे. दूध व बछियाबछड़े बेच कर 6 लाख 37 हजार रुपए तक की कमाई हो सकती है. इस में चारा और लोन चुकाने का खर्च घटा दिया जाए तो सालाना 1 लाख 62 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा हो जाएगा.

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