आज की खेती में रासायनिक खादों का बहुत इस्तेमाल किया जाने लगा?है, जिन से पैदावार में इजाफा जरूर होता है, लेकिन खेती को काफी नुकसान भी होते हैं. रासायनिक खादों से हमें केवल एकदो तरह के ही तत्त्व मिलते?हैं, जबकि हमारी खेती की जमीन को अन्य तत्त्वों की भी जरूरत होती?है. इन तत्त्वों की कमी के कारण मिट्टी की सेहत पर भी खराब असर पड़ता है. इसलिए खेती में हमें जैविक उर्वरक भी इस्तेमाल करने चाहिए.

क्यों जरूरी हैं जैविक उर्वरक

खेती की जमीन की पैदावार कूवत और मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रासायनिक खादों के साथ जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल करने की भी खास जरूरत?है, जिस से खेत की मिट्टी की सेहत बनी रहे और फसल से अच्छी पैदावार मिले. पिछले कुछ समय तक जैविक उर्वरक पाउडर के रूप में आते?थे, लेकिन अब ये जैविक उर्वरक तरल रूप में भी आने लगे हैं.

क्या है तरल जैविक उर्वरक

जैविक तरल उर्वरक जीवाणुओं के ऐसे उत्पाद हैं, जो लंबे समय तक सक्रिय रह कर मिट्टी के पोषक तत्त्वों को बनाए रखते?हैं और खेत की फसल की पैदावार बढ़ाते?हैं. साथ ही मिट्टी की उर्वरक कूवत भी बढ़ाते हैं. तरल जैविक उर्वरक पाउडर वाले उर्वरकों से ज्यादा प्रभावी हैं. नेशनल फर्टीलाइजर्स 3 प्रकार के तरल जैविक उर्वरक बना रही?है, जो आने वाले वक्त में किसानों के लिए कारगर साबित होंगे.

किसान राइजोबियम तरल

* यह तरल उर्वरक खासकर दलहनी फसलों जैसे चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर, बरसीम, सोयाबीन वगैरह के लिए उपयोगी है.

* इस तरल उर्वरक को बीजों के साथ मिला कर फसल बोने पर जीवाणु जड़ों में घुस कर छोटीछोटी गांठें बना लेते हैं, जिन में बहुत मात्रा में जीवाणु रहते हैं. इन से पौधों को पोषण मिलता है, जिस से उपज में बढ़त होती है.

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