केंद्र सरकार की नई कृषि नीति

भारत का सिंचित क्षेत्र होगा दोगुना

नई दिल्ली : इस बात में शक नहीं कि काफी पुरानी हो चुकी वर्तमान नई सरकार भी कृषि के मामलों को काफी तवज्जुह दे रही है. वैसे भी कृषि के सहारे खुद की तरक्की करना हर सरकार का खास फार्मूला रहा?है. अंदरूनी वजह जो भी हो, मगर कृषि की तरक्की की अहमियत से इनकार नहीं किया जा सकता. केंद्र की नई कृषि नीति भी खासी आकर्षक कही जा सकती है. भारत के कृषि क्षेत्र के हाल फिलहाल ज्यादा अच्छे नहीं कहे जा सकते. हालात बिगाड़ने में कुदरत का सहयोग भी काफी ज्यादा रहा है. बहरहाल हिंदुस्तान के कृषि क्षेत्र को नया जीवन देने के लिए गठित की गई टास्कफोर्स के माहिर इस बात पर एकदूसरे की राय से सहमत हैं कि पानी और बिजली की कीमत को ले कर वर्तमान नीतियां पानी के दोषपूर्ण यानी गलत इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही?हैं. इस वजह से काफी पानी बरबाद हो रहा?है. इसी वजह से माहिरों का दल एक नई नीति पर काम कर रहा?है. उम्मीद की जा रही?है कि यह नीति मौजूदा पानी संसाधन के साथसाथ सिंचित इलाके को दोगुना कर देगी. सूत्रों के मुताबिक टास्कफोर्स कृषि की ग्रोथ में इजाफे के लिए आनुवांशिक तौर पर संशोधित बीजों यानी जीएम बीजों के इस्तेमाल और न्यूनतम फसल समर्थन मूल्य सुधारों की संभावनाएं भी खोज रही?है. इस काम के लिए विशेषज्ञों के पैनल का गठन नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की अगवाई में किया गया?है.

एक पत्र में टास्क फोर्स ने कहा है कि भारत को ऐसे इलाकों में, जहां पुरानी तकनीक तिलहन व दालों की खेती में पैदावार के मोरचे पर मुनासिब नतीजे नहीं दे रही है, वहां जरूरी हिफाजत के तरीकों के साथ ट्रांसजेनिक बीजों की किस्मों के इस्तेमाल की उम्मीदें खोजनी चाहिए. टास्कफोर्स ने अपने पत्र में बताए गए तरीकों पर सूबों, किसानों, कारोबारियों और जनता की राय मांगी है, ताकि जरूरत के मुताबिक उन में सुधार किया जा सके. विचारपत्र के मुताबिक भारत में बीटी काटन और विश्व के अन्य हिस्सों में जीएम बीजों ने कृषि में उत्पादकता को बड़े पैमाने पर बढ़ाने में जीएम तकनीक के इस्तेमाल से जुड़ी उम्मीदों को साबित किया?है. पत्र में खुलासा किया गया?है कि ट्रांसजेनिक बीजों की किस्में इनसान की सेहत और पर्यावरण पर कीटनाशकों के खराब असर, खाद्य सुरक्षा तथा खाने में विटामिनों व पोषक तत्त्वों की कमी जैसी दिक्कतों का हल करने में बेहद मददगार साबित हो सकती?है. शुरुआती तौर पर चुने गए खास जिलों में परीक्षण के लिए काटन की फसल को लिए जाने की उम्मीद है. परीक्षण के अच्छे नतीजे आने के बाद मामल आगे बढ़ सकेगा और दूसरी तमाम फसलें भी कसौटी पर परखी जाएंगी. इसी प्रकार से टास्कफोर्स ने उर्वरक वगैरह चीजों के लिए किसानों की सब्सिडी पर सीधे हस्तांतरण पर जोर दिया है, ताकि उन्हें इस मामले में किसी किस्म की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

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