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"क्यों याद दिला रही हो कि मैं बूढ़ी हो रही हूं. 50 साल, बाप रे, यह जान कर ही बुढ़ापा दिमाग पर छाने लगा."

"कैसी बातें करती हो मम्मा? अभी तो मेरी मम्मा यंग एंड स्वीट हैं. आप को देख कर कौन कह सकता है कि आप 50 साल के होने जा रहे हो," सृष्टि उस का हाथ पकड़ते हुए कहने लगी.

"यह सब तो धोखा है जो कौस्मेटिक्स की सहायता से हम औरतें खुद को और दूसरों को देख कर खुश होती हैं,"  दामिनी हंसते हुए कहने लगी.

सृष्टि ने उस के जन्मदिन की तैयारी शुरू कर दी. पार्टी पौपर्स, हैप्पी बर्थडे स्ट्रिंग, दिल की शेप के गुब्बारे और मेहमानों की एक लिस्ट - दामिनी के 50वें जन्मदिन को वाकई खास बनाना चाहती थी उस की बेटी. विपिन का भी पूरा सहयोग था. केवल धनदान से ही नहीं, बल्कि श्रमदान से भी विपिन साथ दे रहे थे.

अगली सुबह दामिनी थोड़ी देर से उठ पाई. आज फिर उसे माइग्रेन अटैक आया था. सुबह उठने के साथ ही सिर में दर्द शुरू हो गया था. ऐसे में अकसर उस की इंद्रियां उस का पूरा साथ नहीं निभाती थीं, सो हर काम थोड़ा धीमी गति से होता था. "क्या हुआ मेरी प्यारी मम्मा को?" सृष्टि उस का उतरा चेहरा देख कर पूछने लगी.

"बेटा, फिर वही सिरदर्द." दामिनी अपना माथा सहलाती हुई बोली."ओहो, आप दवाई ले कर रैस्ट करो. हमारे जाने के बाद कोई काम मत करना," सृष्टि की बात मान कर विपिन और उस के चले जाने के बाद दामिनी दवा खा कर कुछ देर सो गई. फोन की घनघनाहट से दामिनी की आंख खुली. "हेलो," टूटी हुई आवाज में वह बोली.

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