शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति होने वाली है और कोचिंग क्लास चलाने वालों के लिए चांदी नहीं, सोना बरसने वाला है. केंद्रीय विश्वविद्यालय जो 45 हैं, सोशल साइंस के कोर्सों की ग्रेजुएट डिग्री के लिए विशेष परीक्षा के परिणामों के अनुसार प्रवेश देंगे. इन विश्वविद्यालयों से संबद्ध सैकड़ों कालेज हैं और हर तरह के कोर्सों के लिए सीटें हैं जिन में पौलिटिकल साइंस, हिंदी, संस्कृत से ले कर साइंस, कौमर्स, बायलौजी जैसी तकनीकी शिक्षा भी शामिल हैं.

विशेष परीक्षा यानी टैस्ट कितना विशाल होगा, यह इस से जाहिर है कि करीब 350 सैंटरों में 13 भाषाओं में होगा और इस में ग्रेडिंग का प्रस्ताव है. सैंट्रल यूनिवर्सिटीज राज्य व केंद्र के बोर्डों के 12वीं के परिणाम के आधार पर प्रवेश देना बंद कर देंगी और केवल इस टैस्ट, जिसे क्यूट (सीयूईटी) कहा जाएगा, को पास करने पर प्रवेश देंगी. अब तक इन में प्रवेश के लिए 12वीं की परीक्षा काफी थी पर अब सैंट्रल यूनिवर्सिटीज से संबद्ध किसी कालेज में दाखिला लेना है, तो यह टैस्ट पाद करना अनिवार्य हो जाएगा.

जैसे ही इस की जरा सी आउटलाइन बनेगी, देशभर में कोचिंग क्लासों के बोर्ड रातोंरात उग आएंगे, जिन में 10 फुट बाई 10 फुट के कमरों से ले कर 100 फुट बाई 100 फुट के विशाल हालों में कोचिंग क्लासें शुरू हो जाएंगी. 12वीं की परीक्षा तो पहले ही ट्यूशनों और कोचिंग का अच्छाभला धंधा करा रही थी, अब ‘क्यूट’ टैस्ट इस धंधे पर सुनहरी परत चढ़ा देगा.

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जेईई, एनईटी, सीएलएटी जैसे बोर्ड तो आज भी लटके पड़े हैं. अब इन के ऊपर ‘क्यूट’ के बोर्ड भी दिखेंगे.

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