मांबाप अपने लाड़ले को बेहतर तालीम दिलाने की कोशिश करते हैं कि बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े और बेहतर माहौल में रहे. पर किशोरावस्था में आतेआते उस समय मांबाप की उम्मीदों पर पानी फिर जाता है, जब उन्हें एहसास होता है कि बच्चा गलत राह पर चल रहा है.
बच्चे गलत सोहबत में पड़ कर ऐसी बेहूदगी भरे काम करते हैं कि अच्छेअच्छे शर्मसार हो जाएं.
एक तरफ नामी स्कूलों की तरफ से बच्चों को औनलाइन क्लासें लेने के लिए जबरदस्ती जोर दिया जा रहा है, वहीं इन बच्चों का पढ़ाई में मन न लगने और इधरउधर की बातें करने या ध्यान भटकाने में ज्यादा रहता है. वे पढ़ाई से अपना तो जी चुराते ही हैं, साथ ही दूसरे बच्चों को भी न पढ़ने के लिए उकसाते हैं. यही कारण है कि बच्चे पढाई में पिछड़ रहे हैं.
भले ही इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अलग ग्रुप बना कर चेटिंग करना बुरा नहीं है, पर बेहूदा बातों के साथसाथ फूहड़ फोटो डालना वो भी साथ में पढ़ने वाली लड़कियों की, गले नहीं उतर रही है.
सभ्यता का चोला ओढ़े ये बच्चे सम्य समाज के साथसाथ अपने मांबाप के मुंह पर करारा तमाचा जड़ रहे हैं. इन बच्चों की मानसिकता बेहद डरावनी है, चौंकाने वाली है.
इन बच्चों के मातापिता को ये पता ही नहीं हैं कि बच्चे किस तरह के माहौल में जी रहे हैं या पलबढ़ रहे हैं. वहीं बच्चों पर थोड़ी सी सख्ती बरती जाए तो ये बच्चे जवाब देने से पीछे नहीं हटते, उल्टा मातापिता को ही चुप करा देते हैं.
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