परवेज अफसाना की बातों में आ गया था, लेकिन उस ने यह नहीं सोचा था कि वह उस का गुनहगार भी बन जाएगा. मुरादाबाद से करीब 25 किलोमीटर दूर भोजपुर में देवीपुरा मड़ैया गांव के उत्तरी छोर पर 17 दिसंबर, 2021 को लटूरी शाह सुबहसुबह अपने
खेत पर गया था. वह पिछले 2 हफ्ते से लगातार गेहूं की फसल देखने के लिए जाता था. फसल लहलहा रही थी. किंतु खेत के कुछ हिस्से में पानी पटाने का काम बाकी था.
लटूरी जब खेत के सूखे हिस्से की ओर गया, तब उस ने पाया कि गेहूं की फसल को कई मीटर तक रौंदा गया है. मुड़ेतुड़े पौधों को देख कर उस ने सोचा शायद ऐसा वहां आए दिन रात में आने वाले जंगली जानवरों के कारण हुआ होगा.
लेकिन जब उस ने ध्यान से देखा तो पाया कि गेहूं की फसल किसी जानवर ने खाई नहीं थी बल्कि वह जमीन पर बिछी सी हुई थी.
वह खेत में देखने के लिए आगे बढ़ा. कुछ दूरी पर ही फसल के बीचोबीच उसे एक व्यक्ति बेजान पड़ा दिखाई दिया. उस के बेतरतीब हालत में लेटे और शरीर पर चोटों के निशान एवं खून के धब्बे देख कर समझ गया कि वह व्यक्ति मर चुका है.
यह देख कर उस के होश उड़ गए और वह उल्टे पैर अपने गांव वापस लौट गया. इस की जानकारी उस ने गांव वालों को दी. उस के बाद बड़ी संख्या में गांव वाले घटनास्थल पर पहुंच गए.
उन्होंने इस की सूचना भोजपुर थाने को को दे दी. उस समय थाने में थानाप्रभारी राजीव कुमार शर्मा मौजूद थे.
खेत में अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी होने की सूचना पा कर वह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. पुलिस ने उस की शिनाख्त के लिए गांव वालों से पूछताछ की, लेकिन कोई भी उस की पहचान नहीं सका.
लाश को सिपाहियों ने पलट कर देखा तो जेब से नकद 300 रुपए, एक कार की चाबी और बीड़ी का एक बंडल मिला. थानाप्रभारी ने अज्ञात व्यक्त की लाश मिलने की सूचना अपने उच्च अधिकारियों को दे दी.
सूचना मिलते ही मुरादाबाद के एसपी (देहात) विद्यासागर मिश्र और क्षेत्राधिकारी डा. अनूप सिंह भी पहुंच गए. उन्होंने भी लाश के बारे में वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की.
कोई ठोस जानकारी नहीं मिलने पर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. घटनास्थल की स्थिति का मुआयना कर पुलिस भी थाने लौट आई.
उस दिन देर शाम तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी. लाश की शिनाख्त के तौर पर उस के गले पर दबाए जाने के निशान थे. हालांकि कपड़े पर कुछ खून के धब्बे भी थे. इस लाश के बारे में पूरी जानकारी एसएसपी बबलू कुमार को भी दे दी गई.
एसएसपी बबलू कुमार ने अपने अधीनस्थों को निर्देश देते हुए जल्द से जल्द लाश की पहचान करवाने और हत्यारे को गिरफ्तार करने के आदेश दिए.
एसएसपी ने केस को खोलने के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया. टीम में सीओ डा. अनूप सिंह, थानाप्रभारी राजीव कुमार शर्मा, एसआई सुधीर मलिक, मेघपाल सिंह, रमेश चंद, ईश्वर चंद, कांस्टेबल दीक्षांत शर्मा, प्रशांत वर्मा, बबीता आदि को शामिल किया.
पुलिस टीम ने सब से पहले अज्ञात व्यक्ति की शिनाख्त हेतु पैंफ्लेट छपवा कर आसपास के गांवों में वितरित करवा दिए गए. साथ ही उस की फोटो वाट्सऐप ग्रुप पर भी पोस्ट कर दिए गए.
जल्द ही इस का परिणाम सामने आ गया. मृतक व्यक्ति की पहचान भोजपुर थाने के ही मनिहारान मोहल्ला निवासी अहमद हसन के रूप में हो गई. वह पिकअप वैन का ड्राइवर था, जो 16 दिसंबर, 2021 से ही गायब था. उस के पिता इब्ने हसन ने उसी दिन अपने बेटे अहमद हसन की गुमशुदगी थाने में दर्ज करवा दी थी.
पुलिस जांच के सिलसिले में एक चौंकाने वाली जानकारी मालूम हुई. जांच में पाया गया कि अहमद की पत्नी अफसाना उर्फ सोनम का मोहल्ले में ही रहने वाले परवेज नाम के युवक के साथ गहरा रिश्ता था.
यह बात कइयों ने दबी जुबान में कही तो कुछ ने खुलेआम दावे के साथ बताई. उन्होंने बताया कि वे दोनों को अकसर एक साथ आतेजाते देखते रहे हैं.
अहमद के मरने के ठीक एक दिन पहले ही सोनम और परवेज एक साथ देखे गए थे. परवेज भी सोनम के लिए जरूरी खरीदारी में हाथ बंटाता था. ईद बकरीद के मौके पर वह सोनम के यहां जरूर शामिल होता था.
पेशे से बिजली मैकेनिक परवेज दूसरे इलाके का रहने वाला था, लेकिन उस ने 2 साल पहले अहमद के मकान में किराए पर दुकान ले रखी थी. मोहल्ले वालों ने बताया कि परवेज ने सोनम के पति अहमद की गैरमौजूदगी का फायदा उठा कर उस से नजदीकियां बढ़ा ली थीं.
सोनम भी घरेलू जरूरतों की पूर्ति के सिलसिले में चौखट लांघ चुकी थी. जरूरत पड़ने पर परवेज को साथ ले लेती थी. परवेज भी खुशीखुशी सोनम की मदद के लिए हर वक्त हाजिर रहता था.
उन की उम्र में 19-20 का ही फर्क था. इस कारण सोनम और परवेज ने एकदूसरे को देवरभाभी के रिश्ते का नाम दे दिया था.
इतनी जानकारी मिल जाने के बाद पुलिस ने अहमद हसन के बारे में पूछताछ के लिए दोनों को थाने बुला लिया. तब तक अहमद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई थी. रिपोर्ट के अनुसार उस के शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे और पीटपीट कर हत्या किए जाने की पुष्टि हो गई थी.
उस की गुमशुदगी की रिपोर्ट के सिलसिले में भोजपुर थाने की पुलिस सोनम से पहले भी पूछताछ कर कर चुकी थी.
तब सोनम ने बताया था कि बगैर किसी को जानकारी दिए वह कहीं चला गया है. इसी के साथ उस ने डबडबाई आंखों से यह भी कह दिया था कि हो सकता है उसे किसी ने मार डाला हो.
पुलिस को यह बात गले नहीं उतरी कि आखिर एक पत्नी अपने पति के बारे में मरने जैसी बात कैसे कर सकती है.
थानाप्रभारी ने जब दोबारा सोनम और परवेज को पूछताछ के लिए बुलाया, तब सोनम से सीधेसीधे कई सवाल किए, ‘‘तुम ने गुमशुदा शौहर के बारे में पूछे जाने पर उस के मारे जाने की आशंका क्यों जताई थी? क्या तुम्हें उस की हत्या के बारे में पहले से मालूम था? अहमद की किसी के साथ कोई दुश्मनी थी?’’
एक साथ इतने सवाल सुन कर सोनम घबरा गई. किस का किस तरह से जवाब दे, समझ नहीं पाई. गोलमोल बातें करने लगी. जिस से थानाप्रभारी संतुष्ट नहीं हुए. यहां तक कि पति अहमद की लाश देख कर उस ने दुपट्टे से मुंह ढंक लिया था.
रुआंसेपन को दिखाने के लिए केवल आंखें पोंछती नजर आई. उस की इन गतिविधियों को पुलिस टीम ने बारीकी से नोट किया. वह पूछे सवालों के ठोस जवाब नहीं दे पाई थी.
थानाप्रभारी सोनम को अकेला छोड़ कर परवेज से पूछताछ के लिए दूसरे कमरे में ले कर चले गए. औपचारिक बातें करते हुए उन्होंने अहमद और सोनम के साथ उस के संबंध और कामधंधे के बारे में पूछताछ की.
इस सिलसिले में परवेज ने बताया कि वह बिजली मैकेनिक का काम करता है, इसलिए करीब 2 साल पहले अहमद हसन के पिता इब्ने हसन से किराए पर दुकान ली थी. दुकान में बिजली के सामान बेचने का काम करता था और मोहल्ले में किसी के बुलावे पर घरों में जा कर बिजली की खराबी भी ठीक कर दिया करता था.
अहमद के घर की बिजली ठीक करने के लिए वह उस के घर जाता था. अहमद का किराएदार होने नाते वह उन से केवल सामान का ही पैसा लेता था, बहुत कहने पर भी मेहनताना लेने से इनकार कर देता था. खुश हो कर अहमद की पत्नी अफसाना उर्फ सोनम उसे चायनाश्ते किए बगैर नहीं जाने देती थी.
यह सब बातें सुनते हुए थानाप्रभारी ने कहा, ‘‘और इस का तुम ने नाजायज फायदा उठाया.’’
‘‘कैसा फायदा साहबजी!’’
‘‘यही कि तुम सोनम पर डोरे डालने लगे. अहमद की गैरमौजूदगी में भी उस के घर जाने लगे,’’ थानाप्रभारी ने कहा.
‘‘नहीं, यह गलत बात है. मैं कभी अहमद की गैरहाजिरी या किसी के बुलावे के बगैर उस के घर में नहीं घुसा. वह तो जब कभी सोनम, उस के ससुर या अहमद कहते थे तभी वहां जाता था,’’ परवेज ने सफाई दी.
‘‘तुम झूठ बोल रहे हो. पूरा मोहल्ला जानता है कि तुम्हारा अहमद की बीवी के साथ चक्कर चल रहा है. तुम उस के प्रेमी हो,’’ थानाप्रभारी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा.
‘‘मोहल्ले वाले गलत कहते हैं, साहब. मैं सोनम का कुछ बाहरी काम कर देता हूं इसलिए वह ऐसा बोलते हैं. उन्होंने हमें साथसाथ देखा है, मैं उसे भाभी कहता हूं. इसलिए लोगों ने हमें बदनाम किया है,’’ परवेज बोला.
‘‘अगर तुम अहमद और सोनम के करीबी थे तो अहमद के लापता होने की खबर पा कर थाने क्यों नहीं आए थे? क्या इस बारे में तुम्हें सोनम ने नहीं बताया था?’’
यह सुन कर परवेज चुप्पी लगा गया. उस की चुप्पी पर थानाप्रभारी ने डपटते हुए कहा, ‘‘अब और कुछ भी मत छिपाओ. मुझे सब पता चल चुका है. सोनम अपने बयान में बहुत कुछ बता चुकी है, जो तुम्हारे खिलाफ है.’’
यह सुन कर परवेज तिलमिलाता हुआ बोला, ‘‘तो मैं क्या करूं? अहमद की मौत में मेरा हाथ है? मैं ने उसे कहा था खूब शराब पिओ और बीवी से मारपीट करो? वह तो सोनम से जब शौहर का जुर्म बरदाश्त नहीं होता था तब मेरे पास अपना दुखड़ा सुनाने चली आती थी. और मैं उसे सब कुछ ठीक हो जाने का ढांढस बंधा दिया करता था.’’
परवेज का इस तरह से तिलमिलाना पुलिस के लिए आशा की किरण के समान था. अब उस से सख्ती से पूछताछ की जानी थी. सोनम को साथ बिठा कर अहमद हत्याकांड के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. इस के बाद जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार है—
सोनम ने बताया कि परवेज को जब उस ने पहली बार देखा था, तभी वह उस की नजर में भा गया था. सोनम 2 बच्चों की मां होते हुए भी परवेज के गठीले शरीर और बातचीत करने की अदाओं पर मर मिटी थी.
परवेज भी सोनम की सुंदरता का दीवाना बन गया था और वह जब भी उस की दुकान पर आती थी, तो सब काम छोड़ कर उस की जरूरतों को तरजीह देता था. उसे भाभी कह कर बुलाता था. उस ने अपनी लच्छेदार बातों से सोनम को अपने प्रेमजाल में फांस लिया था.
अहमद हसन जब अपने काम पर पिकअप वैन चलाने चाला जाता था, तब परवेज सोनम से मिलने उस के घर चला जाता था. इसी दौरान उन के बीच अवैध रिश्ते भी बन गए थे. उन के संबंधों के बारे में अहमद को मोहल्ले वालों से पता चला. तब उस ने पिता इब्ने हसन से कह कर परवेज से दुकान खाली करवा ली. इस के बाद भी सोनम और परवेज का मिलनाजुलना जारी रहा. दोनों के बीच अवैध संबंधों का सिलसिला चलता रहा.
अहमद और उस के परिवार वालों ने सोनम को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उस के दिमाग से परवेज के इश्क का फितूर नहीं उतर पाया.
वह उलटे जवाब देने लगी कि लोग उस की सुंदरता और जवानी पर जलते हैं, इसलिए ऐसा कहते हैं. जबकि अहमद के दिल और दिमाग में परवेज और सोनम के बीच चल रहा इश्क का चक्कर कांटे की तरह चुभने लगा था.
कई बार यह सोच कर वह बौखला जाता था और गहरे अवसाद में घिर जाता था. उस गम को भुलाने के लिए वह शराब पी कर घर आने लगा था.
सोनम उस के शराब पीने का विरोध करने लगी थी. एक तरफ शराब का नशा था तो दूसरी तरफ मोहब्बत का नशा. नतीजा आए दिन पतिपत्नी के बीच झगड़े होने लगे.
धीरेधीरे सोनम और अहमद के बीच होने वाली गुस्से भरी बातें, नाराजगी और गालीगलौज, मारपीट में बदल गईं. शरीर से बलिष्ठ अहमद शराब के नशे में सोनम की जम कर पिटाई कर देता था.
सोनम इस की शिकायत ले कर सीधे परवेज के पास जाती थी, उस से कहती थी वह कोई रास्ता निकाले ताकि वह अहमद की मारपीट और जुल्मों से बच सके.
इस की जानकारी अहमद को भी हुई. एक रोज वह गुस्से में तमतमाया हुआ परवेज के पास जा पहुंचा. उसे रास्ते में रोक कर भलाबुरा कहने लगा.
इस के जवाब में परवेज ने कहा, ‘‘यार देखो, तुम मेरे ऊपर नाहक ही शक करते हो. तुम जो सोच रहे हो ऐसा नहीं है. मोहल्ले वाले मुझे और तुम्हारी बीवी सोनम को बदनाम करने पर तुले हुए हैं. वैसे भी मैं अपने काम में बिजी रहता हूं.’’
अहमद को परवेज की बातों पर भरोसा नहीं हुआ. वह सीधा घर आया और शराब की बोतल भी साथ लाया. उस ने घर पर ही जी भर कर शराब पी और नशे में धुत हो कर सोनम की खूब पिटाई कर दी.
उस रोज की पिटाई सोनम के लिए काफी असहनीय हो गई थी. उस रोज तो वह सीधा परवेज के पास गई. उस से फरियाद करने लगी कि चाहे जैसे भी हो, वह उसे शौहर की मारपीट से निजात दिलाए, वरना वह जान दे देगी.
सोनम ने यहां तक कहा कि वह उसे ठिकाने लगा दे. फिर दोनों निकाह कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे.
17 दिसंबर, 2021 को जुमे का दिन था. उस रोज अहमद की साप्ताहिक छुट्टी होती थी. यह सभी जानते थे. उस दिन अहमद 11 बजे बाजार जा रहा था. रास्ते में उसे परवेज मिला. बोल पड़ा, ‘‘बड़ी जल्दी में जा रहे हो.’’
‘‘आज जुमे की छुट्टी है, घर का राशनपानी लाना पड़ता है. बाजार जा रहा हूं.’’ अहमद ने कहा.
‘‘आज तो मेरी भी छुट्टी है,’’ परवेज भी बोला.
‘‘तो मैं क्या करूं तुम्हारी छुट्टी का?’’ अहमद रूखेपन से बोला.
‘‘अरे यार, इतनी भी क्या बेरुखी है. तुम तो हमेशा नाराज ही रहते हो. क्यों न आज 2-2 पेग हो जाएं. साथ पीने की इच्छा हो रही है.’’
‘‘देखो, आज जुमा है, मुझे नमाज को भी जाना है. आज नहीं, फिर कभी.’’
‘‘खर्च मैं करूंगा.’’
शराब पीने का शौकीन अहमद परवेज की बात टाल नहीं सका. जैसा कि अकसर एक आम शराबी के साथ होता है. वे इस के चलते सभी गिलेशिकवे और दुश्मनी भूल जाते हैं.
परवेज ने कहा कि वह शराब भोजपुर से खरीदेगा जरूर, लेकिन कहीं दूर जा कर एकांत में पीएंगे. कोई देखेगा भी नहीं.
अहमद को परवेज की यह बात और भी अच्छी लगी. वह उस के कहने के मुताबिक उस की बातों में आ गया.
परवेज समय गंवाए बगैर शराब के ठेके से शराब की एक बोतल, 2 डिसपोजल गिलास, नमकीन का पैकेट, सिगरेट की डब्बी और पानी की बोतल खरीद लाया. सारा सामान स्कूटी की डिक्की में रख लिया. अहमद को स्कूटी पर बिठा कर भटियारा और सना होटल होते हुए गांव देवीपुरा की मड़ैया के उत्तरी दिशा के जंगल में ले गया. वहीं पर बैठ कर दोनों ने शराब पी.
परवेज ने कम पी और अहमद को पैग पर पैग पिलाता रहा. जब तक पूरी बोतल खाली नहीं हो गई, तब तक वह पीता रहा. परवेज ने जब देखा कि अहमद पर शराब का नशा चढ़ चुका है और उस के पैर लड़खडाने लगे हैं, तो परवेज ने सहारे से अपनी स्कूटी पर बैठा लिया.
कुछ दूर जा कर गेहूं के खेत के नजदीक परवेज ने अपनी स्कूटी रोकी और धक्का दे कर उसे गेहूं के खेत में गिरा दिया. अहमद नशे की हालत में उठ नहीं पाया. परवेज उसे खींच कर गेहूं के खेत के भीतर ले गया. नीचे गिरा कर उस के सीने पर घुटने रख कर अहमद का गला दबा दिया.
परवेज ने उस का गला तब तक दबाए रखा, जब तक कि अहमद हसन के प्राण निकल नहीं गए.
जब परवेज ने देख लिया कि अहमद मर चुका है, तब वह अपनी स्कूटी से अपने घर लौट आया. मनिहारन आ कर उस ने अपनी प्रेमिका सोनम को फोन किया, ‘‘मेरी प्यारी सोनम, तुम अब पूरी तरह से आजाद हो गई हो. तुम्हें आए दिन पीटने वाले को ठिकाने लगा दिया है. अब मैं तुम्हारे साथ धूमधाम से निकाह करूंगा. तुम अब पूरी तरह से मेरी हो.’’
सोनम की शादी 10 साल पहले अहमद से हुई थी. सोनम का मायका रुद्रपुर (उत्तराखंड) के कस्बा बिलासपुर का है. शादी के बाद उस की 2 बेटियां हुईं. सोनम इश्क में इतनी अंधी हो गई थी कि उसे अपनी बेटियों का जरा सा भी खयाल नहीं रहा. दोनों बेटियों की जिंदगी संवरने से पहले ही सोनम ने उन के सपने को नष्ट कर डाला.
20 दिसंबर, 2021 को दोनों बेटियां अपनी दादी मकसूदन के साथ थीं. दादी मकसूदन दोनों बेटियों के पास बैठी रो रही थी कि बुढ़ापे में बहू ऐसा जख्म दे गई, जिसे वह जिंदगी भर नही भूल पाएंगी.
कानून की निगाह में सोनम अपने पति को मरवाने में मुख्य साजिशकर्ता बन गई थी, जबकि परवेज हत्या का आरोपी था. दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.