संदीप और नीतू की कहानी प्यार, स्वार्थ और बेवफाई के रंग में पूरी तरह से रंगी थी. उनकी हत्या भी फिल्मी अंदाज में हुई जब दोनो अपने ही साथियों का शिकार हो गये. लखनऊ जोन के आईजी ए सतीश गणेश, एसएसपी मंजिल सैनी और एसएसपी एटीएफ अमित पाठक की बेहतर पुलिसिंग से हत्यारों को उस समय पकड़ लिया गया जब वह मुंबई जाने वाले हवाई जहाज पर बैठ गये थे और जहाज उडान भर चुका था.

पुलिस की पहल पर एयरपोर्ट एथॅारिटी ने विमान को रनवे छोडने से पहले ही रोक दिया. कहानी की शुरूआत भी फिल्मों से प्रेरित है. इलाहाबाद के रहने वाले इमरान ने मुम्बई जाकर एक्टिंग की दुनिया में नाम करने की सोची. वहां रहने और अपने खर्चे पूरे करने के लिये उसने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली. एक बार उसकी डयूटी फिल्म डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा के फिल्म में लग गई. वहां उसने देखा कि फिल्मों में अपराध को किस तरह से पेश किया जाता है.

इमरान को यहां जीवेश मिला. जीवेश से मिलकर इमरान ने अपराध का ठेका लेने वाला एक गिरोह बना लिया. लोगों का अपहरण कर फिरौती वसूल करने को अपना धंधा बना लिया. राजस्थान, दिल्ली और लखनऊ उसके निशाने पर थे. इसी क्रम में इमरान की मुलाकात संदीप और नीतू से हुई.

नीतू खुद को महिला आयोग का सदस्य बताकर लोगों को प्रभावित करती थी. वह संदीप के साथ लिव इन रिलेशन में रहती थी. दोनों इमरान के साथ जुड़ चुके थे. वह भी अपहरण के धंधे में लग गये. एक दिन संदीप और नीतू ने उत्तर प्रदेश जल निगम के सेक्शन अफसर 56 साल के सलीम फरीदी के अपहरण की योजना बनाई.

फिरौती में 3 करोड़ वसूलने का इंरादा था. नीतू और संदीप उनको जानते थे. ऐसे में इन दोनो ने उनको लखनऊ के सहारागंज मौल के पास बुलाया और वहां से उनका अपहरण कर लिया. अपहरण करने के बाद इमरान उनको लेकर इलाहाबाद गया.

जहां फिरौती की बातचीत की तो पता चला कि सलीम फरीदी की माली हालत 3 करोड़ देने वाली नहीं है. जब सौदा 10 लाख में पट गया.

फिरौती की रकम पाने के बाद नीतू का कहना था कि फरीदी को मार दिया जाये क्योंकि वह उसे पहचानता है. संदीप चाहता था कि नीतू को मार दिया जाये यह अब बोझ हो गई है. नीतू संदीप से अपना पीछा छुड़ाना चाहती थी.

इमरान फरीदी से वादा कर चुका था कि वह फिरौती की रकम मिलने के बाद जान से नहीं मारेगा. ऐसे में जब नीतू ने फरीदी को मारने की जिद की तो इमरान ने नीतू को गोली मार दी. संदीप फिरौती की रकम में अपना हिस्सा मांगने लगा तो उसने संदीप को जान से मार दिया.

संदीप और नीतू की हत्या के बाद इमरान और जीवेश मुम्बई भागने की फिराक में जुट गये. लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से दोनो ने अपना मुम्बई का टिकट कटाया और जहाज में बैठ गये. इस बात की सूचना लखनऊ पुलिस को लग चुकी थी. तब तक जहाज रनवे से उड़ान भरने की तैयारी में स्पीड पकड़ चुका था. इसी बीच विमान की इमरजेंसी लैंडिग का संकेत मिला.विमान रनवे पर रूका तो पुलिस ने विमान को घेर लिया. विमान के अंदर से पुलिस ने इमरान और जीवेश को पकड़ लिया.

लखनऊ पुलिस ने 24 घंटे के अंदर इलाहाबाद में हुये डबल मर्डर के सनसनीखेज कांड को उजागर कर दिया. आईजी जोन ए सतीश गणेश ने कहा कि बेहतर पुलिसिंग और तालमेल से किये गये काम से यह संभव हो पाया. उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद ने पुलिस टीम को 50 हजार इनाम की घोषणा की.

संदीप और नीतू भले ही एक दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे थे पर दोनों के बीच भरोसा और विश्वास नहीं रह गया था. जिसकी वजह से इमरान ने एक के बाद एक दोनो की हत्या करके फिरौती की रकम को खुद की हड़प करने की सोची और पकड़ा गया.                

  

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