सौजन्य- सत्यकथा

19जनवरी, 2020 की शाम करीब 6 बजे की बात होगी. उत्तर प्रदेश की राजधानी  लखनऊ के सिकंदरबाग चौराहे पर निशातगंज की तरफ जाने वाली सड़क पर बैटरी से चलने वाले 5-7 रिक्शे खड़े थे, जिन की वजह से काफी भीड़ थी. चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस भी थी, वहां से लगभग 500 कदम दूर 25 साल की लड़की खड़ी थी. तभी एक कार आ कर रुकी. उस कार से भगवा कपड़े पहने 40-45 साल का एक आदमी उतरा, जो वहां खड़ी लड़की के पास पहुंच कर उस से झगड़ने लगा. झगड़ा बढ़ा तो लड़की वहीं पास में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले की तरफ बढ़ने लगी. उन की बातचीत से ऐसा लग रहा था, जैसे दोनों पहले से परिचित हों.
उस लड़की की आवाज सुन कर तमाम लोग वहां आ गए. लोगों ने लड़की से बात कर पुलिस को फोन करने को कहा तो उस ने मना कर दिया.

भगवाधारी रणजीत श्रीवास्तव बच्चन था जो गोरखपुर के अहरौली गांव का रहने वाला था. 2 फरवरी, 2020 को ग्लोब पार्क के सामने रणजीत श्रीवास्तव की लाश मिली तो लोगों को उस दिन का झगड़ा याद आ गया.करीब 20 साल पहले रणजीत के पिता तारालाल अपने परिवार के साथ अहरौली गांव से गोरखपुर के भेडि़याघाट रहने आए थे. इस के बाद तारालाल ने पतरका गांव में जमीन खरीदी. रणजीत खुद गोरखपुर में रहता था.रणजीत श्रीवारुतव को एक्टिंग का शौक था. इसी शौक के चलते उस ने अपना नाम रणजीत श्रीवास्तव से बदल कर रणजीत बच्चन कर लिया था. वह फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन से बहुत प्रभावित था. उस ने अमिताभ बच्चन की तरह से कपडे़ पहनने और उन के जैसा ही हेयरस्टाइल रखना शुरू कर दिया.

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