अभी सूर्योदय भी नहीं हुआ था. एक युवक अजमेर के ट्रांसपोर्टनगर थाने में हड़बड़ाता हुआ दाखिल हुआ.
वह हांफ रहा था. थाने में मौजूद एसएचओ विक्रम सिंह ने उस के भागते हुए आने का कारण पूछा, ‘‘अरेअरे, इतनी तेजी से क्यों आ रहे हो? बात क्या है? तुम तो हांफ भी रहे हो, पहले पानी पी लो.’’
‘‘जी जी, साहब जी… बात ही कुछ ऐसी है. जल्दी से आप मेरे साथ चलिए. नहीं तो…’’
‘‘नहीं तो क्या?’’ एसएचओ आश्चर्य से बोले.

‘‘…नहीं तो वह भाग जाएगी.’’
‘‘कौन भाग जाएगी? आराम से बताओ, बात क्या है, पहले पानी पी लो.’’ एसएचओ ने टेबल पर रखा पानी का गिलास हाथ में उठा कर युवक की तरफ बढ़ा दिया था.
युवक ने एसएचओ से गिलास ले कर दोनों हाथों से पकड़ लिया और गटागट पानी पी गया. एक लंबी सांस ली फिर बोला, ‘‘सरजी, मेरा नाम सूरज सिंह है. मैं यहीं पाली का रहने वाला हूं. साधु बस्ती, अजमेर की अनुराधा नायक अपनी सहेली ज्योति धानका की हत्या कर पाली भाग आई है. ज्योति की लाश अनुराधा के कमरे में ही पड़ी है. इस वक्त अनुराधा पाली नहर पुलिया पर अहमदाबाद जाने वाली बस के इंतजार में खड़ी है. आप जल्दी चलिए…’’

यह बात 8 सितंबर, 2022 की है. विक्रम सिंह युवक की बात सुन कर चौंक गए. फिर भी उन्होंने पूछा, ‘‘तुम्हें कैसे पता कि अनुराधा ने अपनी सहेली ज्योति का मर्डर किया है?’’
‘‘सर जी, पहले उसे पकड़ लीजिए मैं आप को सब कुछ रास्ते में बता दूंगा.’’ युवक बोला.
‘‘चलो ठीक है, बात गलत हुई तो सोच लो तुम पर ही काररवाई हो सकती है.’’ कहते हुए विक्रम सिंह कुछ सिपाहियों को ले कर युवक के साथ उस की बताई जगह नहर पुलिया की तरफ चल दिए.
रास्ते में युवक ने बताया कि वह अनुराधा का परिचित है. उस ने रात में अजमेर से पाली आने के बाद उसे बुलाया था. वह उस से होटल में मिला और वहां उन्होंने जम कर शराब पी.

शराब के नशे में अनुराधा ने रोते हुए ज्योति के मर्डर की बात बताई. उस ने यह भी बताया कि वह उस की लाश को अपने कमरे में ही छोड़ कर आई है. अब वह अहमदाबाद भाग जाना चाहती है.
पुलिस युवक द्वारा बताई जगह से थोड़ी दूरी पर रुकी. युवक ने पुलिस को खड़ी युवती की ओर इशारा कर बताया कि वही अनुराधा है. इस बीच युवती की नजर भी पुलिस वैन पर पड़ गई. वह भागने की कोशिश करने लगी. तब तक महिला पुलिस ने उसे दबोच लिया था.

पुलिस गिरफ्त में आई युवती साथ आए युवक पर चीखी, ‘‘अरे! सूरज तुम? तुम पुलिस को साथ लाए, मुझे पकड़वा दिया. बहुत गलत किया, मैं ने इसीलिए तुम्हें शराब पिलाई थी. एहसान फरामोश?’’
कुछ समय में युवती थाने में थी. उस से एसएचओ विक्रम सिंह पूछताछ करने लगे. थोड़ी देर तक युवती नशे में अनापशनाप बकती रही. युवक को गलियां देती रही, खुद को बेकुसूर बताती रही, यहां तक कि पुलिस को भी धमकाती रही.

महिला पुलिस ने युवती से उस का नाम और पता पूछ लिया था. पता चला कि अनुराधा नायक अजमेर के रामगंज थानाक्षेत्र की रहने वाली थी. तब विक्रम सिंह ने रामगंज के एसएचओ सतेंद्र सिंह नेगी से संपर्क कर अनुराधा के घर जा कर तहकीकात करने को कहा.एसएचओ सतेंद्र सिंह नेगी दलबल के साथ देरी किए बगैर ज्योति धानका की लाश होने की सूचना पर अनुराधा के घर साधु बस्ती गए. वहां उस के कमरे में ताला लगा हुआ था, लेकिन उस के आसपास बदबू फैल रही थी. कमरे का ताला तोड़ कर पुलिस कमरे में दाखिल हुई.

कमरे में वास्तव में एक युवती की लाश जमीन पर औंधे मुंह पड़ी हुई थी. पहली नजर में पता चला कि युवती का गला घोंट कर हत्या कर दी गई है. वह लाश 2 दिन पुरानी लग रही थी.
उस के बारे में एसएचओ नेगी को जानकारी पाली थाने की पुलिस द्वारा हिरासत में ली गई अनुराधा से मिली. मृतका अजमेर के केसरगंज धानका बस्ती की रहने वाली ज्योति थी. उस की उम्र करीब 32 साल थी और उस के पति का नाम अनिल कुमार धानका है.

घटनास्थल पर पुलिस ने एफएसएल टीम को भी बुलवाया. टीम ने कई तरह के साक्ष्य एकत्रित किए और शव को पोस्टमार्टम के लिए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय अजमेर भेज दिया गया. उसी दिन पोस्टमार्टम कर लाश 8 सितंबर, 2022 को उन के परिजनों के सुपुर्द कर दी गई. परिजनों ने उस का अंतिम दाहसंस्कार कर दिया.रामगंज की पुलिस उसी दिन पाली के ट्रांसपोर्ट नगर थाने गई, जहां अनुराधा पुलिस की हिरासत में थी. वहां से उसे रामगंज थाने लाया गया. पुलिस के आला अधिकारियों ने अनुराधा से सख्ती से पूछताछ करने के बाद उस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली.

मृतका ज्योति के पिता रमेशलाल धानका की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज किया गया. मुख्य आरोपी अनुराधा नायक को बनाया गया, जो विधवा है. उस का पति गोकुल नायक अजय नगर, साधु बस्ती का निवासी था.साधु बस्ती में 2 दिन पुरानी लाश बरामद होने पर पूरी कालोनी में सनसनी फैल गई. पूछताछ में पता चला कि अनुराधा और ज्योति अच्छी सहेलियां थीं. अनुराधा पिंटू नाम के व्यक्ति से ब्याज पर पैसे ले कर जरूरतमंद महिलाओं को ब्याज पर देती थी.

अनुराधा के पड़ोसियों से मालूम हुआ कि ज्योति का उस के घर अकसर आनाजाना लगा रहता था. ज्योति भी अनुराधा के साथ मिल कर ब्याज पर पैसा उठाने का काम करती थी.जांच में अनुराधा ने बताया कि ज्योति उस से महीने भर से अपने दिए हुए डेढ़ लाख रुपए मांग रही थी. लेकिन अनुराधा नहीं चुका पा रही थी. इसी सिलसिले में 6 सितंबर, 2022 को उन के बीच तीखी बहस हो गई थी. यहां तक कि उन में हाथापाई तक की नौबत आ गई थी.

इस झगड़े में अनुराधा ने ज्योति के सिर पर रसोई में पड़े बरतन मारे. इस के बाद ज्योति जख्मी हो कर जमीन पर गिर पड़ी थी. उस के बाद अनुराधा ने उस का गला घोट दिया था.अनुराधा ने उस की मौत हो जाने के बाद उस के स्कूटी, मोबाइल फोन, जूते आदि को बड़ी चालाकी से ठिकाने लगा दिए. उस के बाद पड़ोसियों के घर रात बिताई. वहीं उस ने रात का खाना भी खाया. रात अधिक होने पर वह पड़ोसी के घर पर ही रुक गई.

अगले रोज 7 सितंबर की सुबह करीब 8 बजे वह अपने कमरे पर आई. वहां अपना सामान वगैरह समेटा और अहमदाबाद जाने की योजना बनाई. …और फिर वह उसी दिन देर शाम को पाली जा पहुंची. उस ने रात पाली में गुजारने का मन बनाया और अगले रोज सुबहसुबह अहमदाबाद फरार होने का कार्यक्रम बना लिया.

उस ने पाली में रह रहे परिचित युवक सूरज सिंह को फोन कर मिलने के लिए बुलाया. उस ने उस के साथ रात गुजारने के लिए एक होटल में कमरा ले लिया. वहां दोनों ने कमरे में जम कर शराब पी. नशे में धुत अनुराधा ने ज्योति की हत्या के बारे में भी बता दिया और पुलिस से बचने के लिए उस से मदद मांगी.
जब अनुराधा नशे की हालत में बेसुध सो गई, तब सूरज चुपके से वहां से निकल गया और सीधा थाने में आ कर अनुराधा के अपराध की जानकारी दे दी.

दूसरी तरफ ज्योति के पिता रमेशलाल धानका ने भी उस के घर वापस नहीं लौटने पर पुलिस में लापता होने की शिकायत दर्ज करवा दी थी. उन्होंने 7 सितंबर, 2022 को थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि उन की बेटी 6 सितंबर की सुबह ही अपनी स्कूटी से निकली थी.उस की स्कूटी उसी दिन शाम को जौंसगंज में मिली थी. जबकि मोबाइल अजयनगर में ही एक राहगीर को मिला था, जिसे उस ने रामगंज पुलिस चौकी में जमा करवा दिया था.

बरामद स्कूटी राकेश शर्मा के नाम पर थी. पुलिस ने जब राकेश शर्मा से उस की स्कूटी और ज्योति से संबंध के बारे में पूछताछ की, तब पता चला कि फाइनेंसर पिंटू से अनुराधा और ज्योति दोनों के प्रेम संबंध थे. दोनों बिजनैस की सहेलियां थीं और एक ही युवक पिंटू से प्रेम करती थीं.इस मामले ही तहकीकात के बाद रामगंज थाने की पुलिस ने अनुराधा को 9 सितंबर, 2022 को अजमेर कोर्ट में पेश किया. वहां से अनुराधा को एक दिन की रिमांड पर ले कर कड़ी पूछताछ की गई. उस के बाद जो कहानी उभर कर आई, वह काफी चौंकाने वाले नारी अपराध की निकली—

ज्योति धानका अपने पिता के साथ अजमेर शहर के घंटाघर थाना क्षेत्र के तीसरी गेट रावण की बगीची में रहती थी. उस की शादी कई साल पहले केसरगंज, धानका बस्ती निवासी अनिल कुमार के साथ हुई थी. उस से ज्योति 2 बच्चों की मां भी बन गई थी, किंतु उस की ससुराल वालों से नहीं बनती थी, इस कारण वह बीते 2 सालों से मायके में ही रह रही थी.एक दिन उस की मुलाकात अजमेर के रहने वाले फाइनेंसर पिंटू से हुई. वह ब्याज पर पैसा देने का काम करता था. ज्योति उस से पैसा ले कर दूसरी जरूरतमंद महिलाओं को अधिक ब्याज पर देने का काम करने लगी. इस तरह से उसे कुछ प्रतिशत के ब्याज की रकम मिल जाती थी. इसे उस ने अपनी आजीविका का एक साधन बना लिया था.

पिंटू के संपर्क में ज्योति की तरह ही अजमेर की रहने वाली 36 वर्षीया अनुराधा नायक भी थी. वह गोकुल नायक की तीसरी पत्नी थी, जिस की कुछ साल पहले मौत हो जाने के बाद वह अकेली रहने लगी थी.
ज्योति और अनुराधा एक ही व्यक्ति पिंटू से ब्याज पर पैसा उठाती थीं और दूसरों को ज्यादा ब्याज पर देती थीं. इस कारण उन की आपस में जानपहचान हो गई. जल्द ही दोनों पक्की सहेलियां बन गईं.
दोनों में एक समानता और थी कि दोनों पुरुष संसर्ग से वंचित थीं. अनुराधा विधवा थी, जबकि ज्योति का पति साथ नहीं रहता था. दोनों अतृप्त कामवासना से पीडि़त थीं. जबकि उन के शौक रंगीनमिजाज वाले थे. दोनों को शराब की लत थी. वे घूमनेफिरने और अच्छा खानेपहनने की भी शौकीन थीं.

उन के तमाम शौक के इंतजाम पिंटू ही कर दिया करता था. दोनों ने कब पिंटू से यौन संबंध कायम कर लिए, उन्हें पता ही नहीं चला. अनुराधा अकेली रहती थी और पिंटू कई बार आधी रात के बाद उस के कमरे पर आता था और वहीं रुक जाता था.एक बार ज्योति जब सुबह में अनुराधा के घर आई और पिंटू को उस के कमरे पर हमबिस्तर होते देखा तो चिढ़ गई. उस वक्त दिन के 10 बज रहे थे.
उस रोज उस ने दोनों को काफी डांट लगाई. डांटते हुए उस ने अनुराधा को कहा कि बहुत बेशर्म हो गई है. पड़ोसी उस के बारे में बहुत बुरा कहेंगे. जिन्हें वह बयाज पर पैसा देती है उन्हें इस बारे में मालूम होगा, तब उन का धंधा चौपट हो जाएगा. उस वक्त पिंटू चला गया. उस के जाने के बाद दोनों के बीच काफी देर तक तूतूमैंमैं होती रही.

अनुराधा ने भी ज्योति पर कई आरोप मढ़ दिए. उस ने कहा कि वह भी कोई दूध की धुली नहीं है. वह भी तो उस के नहीं रहने पर पिंटू के साथ गुलछर्रे उड़ाती है.उस रोज अनुराधा और ज्योति के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि अनुराधा से ज्योति बाकी पैसे का हिसाबकिताब तक मांग बैठी. गुस्से में अनुराधा उस के साथ हाथापाई पर उतर आई. जिसे जो हाथ लगा, वही एकदूसरे पर फेंकने लगीं.
उन की तेज आवाजें सुन कर कुछ पड़ोसी आ गए, तब दोनों शांत हुईं. पड़ोसियों के पूछने पर ज्योति ने ही बात संभाली.

दरअसल, ज्योति पति से अलग रहने के कारण अपना दूसरा घर बसाना चाहती थी. उस की दोस्ती फाइनेंसर पिंटू से हो गई थी, जिस से ज्यादा दिनों तक संबंध नहीं बन पाया. क्योंकि वह अनुराधा की ओर आकर्षित हो गया था.पिंटू ने इस बारे में ज्योति को समझाने के लिए कहा कि वह शादीशुदा है इसलिए उस के संबंध नहीं बन सकते हैं. अनुराधा ने यही बात ज्योति को समझाई, लेकिन ज्योति इस पर अनुराधा से खिन्न रहने लगी.

इस मुद्दे को ले कर दोनों के बीच कई बार बहस हो चुकी थी. ज्योति ने अनुराधा को डेढ़ लाख रुपए दे रखे थे. जब भी पिंटू से संबंध तोड़ने की बात आती, तब ज्योति अपना पैसा मांगने लगती थी.
अनुराधा चाहती थी कि पिंटू से उस का संपर्क बना रहे. वह निकट भविष्य में उसे अपना जीवनसाथी बनाने का मन बना चुकी थी. जबकि पिंटू से ज्योति फोन पर बातें कर उसे अपने पक्ष में करने की कोशिश करती रहती थी.ज्योति और अनुराधा की दोस्ती में पिंटू की कामवासना के प्रेम संबंधों से दरार पड़ गई. दोनों नाममात्र की सहेलियां थीं. आमनासामना होते ही दोनों तुरंत झगड़ पड़ती थीं.

ज्योति 6 सितंबर, 2022 की दोपहर में अनुराधा के यहां आई थी. उस वक्त अनुराधा अकेली बैठी थी. अनुराधा ने ज्योति का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. कामधंधे की बातें करने के सिलसिले में ज्योति ने अनुराधा पर ब्याज पर दिए गए पैसे की वसूली में अनदेखी का आरोप लगा दिया.इस पर जैसे ही अनुराधा ने पिंटू का नाम लिया, ज्योति भड़क गई. उस के बाद जो हुआ उसे ले कर अनुराधा के सामने पछताने के अलावा और कुछ नहीं था.

उन के बीच के हंगामे की आवाजें पड़ोसियों ने सुनीं, लेकिन उन्हें पता था कि उन के बीच इस तरह की तूतूमैंमैं आए दिन की बात है. इसलिए उन्होंने उस ओर ध्यान नहीं दिया.अनुराधा शाम को कुछ मकान छोड़ कर एक पड़ोसन के यहां चली गई. उसे भी ब्याज पर पैसा देती थी. उस ने पड़ोसन को बताया कि आज उस का मूड ठीक नहीं लग रहा है, इसलिए वह उस के साथ ही रहना चाहती है.

संयोग से वह पड़ोसन भी उस वक्त घर में अकेली थी. अनुराधा ने पुलिस को बताया कि उस ने शाम के 4 बजे गुस्से में ज्योति का रस्सी से गला घोट दिया था. वह थोड़ी देर गला दबने से ही मर गई थी. करीब 5 बजे नहाधो कर तैयार हुई और ज्योति की स्कूटी, मोबाइल, चप्पल और रस्सी ले कर इधरउधर ठिकाने लगा दिया.

पुलिस ने ज्योति की हत्या में इस्तेमाल रस्सी बरामद कर ली. उस के बाद आरोपी अनुराधा नायक को अजमेर न्यायालय में पेश कर दिया गया. वहां से उसे जेल भेज दिया गया.

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