सौजन्या- सत्यकथा

एक हफ्ते बाद रक्षाबंधन आने वाला था. फूलमाला के सोने के कुंडल उस के मायके में रह गए थे. इसलिए उस ने पति घनश्याम से कहा, ‘‘देखो जी, मेरे कुंडल मम्मी के पास रह गए हैं. आप मेरे मायके जा कर ले आइए ताकि मैं त्यौहार पर पहन सकूं.’’

पत्नी की मनुहार पर घनश्याम ने उसे भरोसा दिया कि वह रक्षाबंधन से पहले उस की मां से कुंडल ले आएगा.

घनश्याम यादव उर्फ बीटू जिला फिरोजाबाद के थाना नसीरपुर क्षेत्र के गांव रामनगर का रहने वाला था. करीब ढाई साल पहले उस की शादी आगरा जिले के गांव विक्रमपुर निवासी रामनरेश की बेटी फूलमाला उर्फ फूला से हुई थी.

ये भी पढ़ें- Crime Story: बहू ने की सास की हत्या

शादी के कुछ दिनों बाद ही घनश्याम का अपनी पत्नी से मनमुटाव शुरू हो गया था. वह छोटीछोटी बातों पर उस से झगड़ती रहती थी. बीटू ने सोचा कि अगर वह उस के मायके से कुंडल ला कर दे देगा तो त्यौहार पर उस का मूड ठीक रहेगा.

बीटू 29 जुलाई, 2020 को दोपहर 2 बजे मोटरसाइकिल से ससुराल के लिए निकला. जाने से पहले उस ने पत्नी से कहा कि तुम मायके फोन कर दो, जिस से वहां से कोई कुंडल ले कर नदी के पार आ जाए.

घर से निकलते समय घनश्याम से उस की मां ने पूछा, ‘‘बीटू, कहां जा रहे हो?’‘‘कहीं नहीं मां. गांव गड़सान में मुझे कुछ काम है. अभी आ जाऊंगा.’’ वह मां से झूठ बोल कर चला गया.रामनगर से घनश्याम की ससुराल विक्रमपुर की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 28-30 किलोमीटर थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...