डा. आफिया सिद्दीकी एक न्यूरो साइंटिस्ट थी, लेकिन उस ने अपनी जड़ें आतंकी गतिविधियों में फैलाईं. पाकिस्तान की डा. आफिया सिद्दीकी का सपना तो एक बहुत बड़ी न्यूरो साइंटिस्ट बनने का था. पर वह बन गई लेडी अलकायदा. अमेरिका की विशेष अदालत ने आफिया को 86 साल की सजा सुनाई है. अमेरिका में 16 जनवरी को यहूदी मंदिर में घटी बंधक बनाने वाली घटना के कारण आफिया एक बार फिर चर्चा में आ गई है.

ब्यूटी विद डेंजरस ब्रेन वाली आफिया को छुड़ाने के लिए उस के भाई ने टेक्सास स्टेट के डलास के कोलीविले शहर में स्थित यहूदी मंदिर में 4 लोगों को बंधक बना लिया था. इस के बदले में उस ने अपनी बहन डा. आफिया सिद्दीकी को छोड़ने की मांग रखी थी. जिन 4 लोगों को बंधक बनाया गया था, उस में एक रब्बी यानी कि यहूदी धर्मगुरु भी थे.

इस घटना के बारे में जैसे ही अमेरिकी पुलिस को पता चला, तुरंत ही स्वाट कमांडो, एफबीआई के एजेंट सहित सुरक्षाकर्मी सिनेगोग पहुंच गए थे. यहूदियों के उपासना गृह यानी मंदिर को सिनेगोग कहते हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को तुरंत इस घटना की जानकारी दी गई थी. मामला यहूदियों के धर्मस्थल का था, इसलिए इजरायल भी जोश में आ गया था. सिनेगोग में चल रहे धार्मिक कार्यक्रम का फेसबुक पर लाइव प्रसारण चल रहा था. उसी समय हमलावर अंदर घुस आए थे. उन के हाथों में बंदूकें थीं.

कोलीविले 34 वर्ग किलोमीटर में फैला 27 हजार से भी कम जनसंख्या वाला शहर है. इस छोटे से शहर में इस तरह की बड़ी घटना से पूरे अमेरिका में खलबली मच गई थी. अमेरिका में पिछले काफी समय से कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं घटी थी. अचानक यह क्या हो गया, यह सवाल सभी को सताने लगा था.

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