भोपाल, मध्य प्रदेश के तकरीबन 32 साला उदयन दास को ऐयाशी करने के लिए दौलत नहीं कमानी पड़ी थी, क्योंकि उस के मांबाप इतना कमा कर रख गए थे कि अगर वह कुछ काम नहीं करता, तो भी जिंदगी में कभी भूखा नहीं सोता. उदयन दास की कई माशूकाएं थीं. उन में से एक थी कोलकाता की रहने वाली 26 साला आकांक्षा शर्मा, जो एमएससी पास थी. उस के पिता शिवेंद्र शर्मा पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले के एक बैंक में चीफ मैनेजर थे.
अब से तकरीबन 8 साल पहले आकांक्षा शर्मा की दोस्ती फेसबुक के जरीए उदयन दास से हुई थी. फेसबुक चैटिंग में उदयन दास ने खुद को आईएफएस अफसर बताया था, जो अमेरिका में रहता है और अकसर भारत आया करता है. अपने पिता बीके दास को उस ने भेल, भोपाल का अफसर बताया था, जो रिटायरमैंट के बाद रायपुर में खुद की फैक्टरी चला रहे हैं और मां इंद्राणी दास को पुलिस महकमे से रिटायर्ड डीएसपी बताया था. उस ने मां का भी अमेरिका में रहना बताया था.
उदयन दास ने आकांक्षा शर्मा को यह भी बताया था कि वह आईआईटी, दिल्ली से ग्रेजुएट है. आजकल जैसा कि आमतौर पर फेसबुक चैटिंग में होता है, वह आकांक्षा शर्मा और उदयन दास के मामले में भी हुआ. पहले जानपहचान, फिर दोस्ती और उस के बाद प्यार. जल्द ही दोनों ने मिलनाजुलना शुरू कर दिया. उदयन दास भले ही भोपाल में रह रहा था, पर आकांक्षा शर्मा के लिए तो वह अमेरिका में था, इसलिए जल्द ही उदयन दास ने उसे बताया कि वह दिल्ली आ रहा है.