बिहार में शराबबंदी को लागू कराने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. एक ओर जहां पुलिस को मुख्यमंत्री के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा हैं, वहीं दूसरी ओर ब्रेथ एनालाइजर की भारी कमी की वजह से पुलिस ‘मुंह सूंघवा’ बन गई है. किसी के शराब पीने का शक होने पर पुलिस वाले उसका मुंह सूंघ कर पता करने की कोशिश करती है कि उसने वाकई शराब पी रखी है या नहीं?
बिहार पुलिस के पास केवल 200 ब्रेथ एनालाइजर हैं, जिससे पियक्कड़ों की पहचान करने में उसकी भारी फजीहत हो रही है. एक पुलिस औफिसर तो गुस्से में कहते हैं कि पुलिस वालों को दारू सूंघने के काम में लगा दिया गया है और अपराधियों को सूंघने का काम कुत्ते कर रहे हैं. अपराधियों पर नकेल कसने का काम छुड़वा कर पुलिस को पियक्कड़ों की खोज में लगा दिया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को हर हाल में कामयाब करने की मुहिम में लगे हुए हैं, जिससे पुलिसवालों को नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल सरकार ने यह फरमान जारी कर दिया है कि अगर कोई भी वयस्क शराब पीते पकड़ा जाएगा तो उसके पूरे परिवार को सजा दी जाएगी. इसके साथ ही पुलिस को चेतावनी दी गई है कि जिस थाना क्षेत्रा में शराब या शराबी मिलेंगे उस थाना के एसएचओ पर काररवाई की जाएगी. पिछले महीने इस आरोप में 11 एसएचओ को सस्पेंड किया गया था. इतना ही नहीं सस्पेंड हुए पुलिस अफसरों को यह सजा भी मिली है कि अगले 10 सालों तक उनका प्रमोशन नहीं होगा और न ही किसी थाना में ड्यूटी मिलेगी.