आरती के मोबाइल की घंटी बजी, अनजान नंबर देख कर उस ने सोचा कि हो सकता है कोई जानकार हो, अत: कौल अटैंड की, ‘‘हैलो.’’ दूसरी तरफ से एक मर्दाना आवाज आई ‘‘हैलो. मुझे आकाश से बात करनी है.’’ आरती के लिए फोनकर्ता बिलकुल अनजान था. वह किसी आकाश को नहीं जानती थी. लिहाजा, उसे कहना पड़ा, ‘‘सौरी, रौंग नंबर.’’

‘‘कोई बात नहीं, हम आप से ही बात कर लेते हैं. हमें आप का नाम तो नहीं पता पर आप की आवाज बहुत मधुर है. प्लीज, फोन मत रखिएगा.’’

‘‘यह क्या बदतमीजी है, कहा न रौंग नंबर है,’’ आरती सकपकाई.

‘‘प्लीज, आप इसे राइट नंबर बना दीजिए न,’’ उधर से आवाज आई. इस पर गुस्से से आरती ने फोन काट दिया. इस के बाद उस के पास अकसर इसी नंबर से फोन आने लगे. फोनकर्ता उस की तारीफ करता और उस के सामने दोस्ती का प्रस्ताव भी रखता. आरती ने तंग आ कर इस बात से अपने परिजनों को अवगत कराया. आरती के परिजनों ने उसे आड़े हाथों लिया और पुलिस की धमकी दी, तब कहीं छुटकारा मिला. आरती समझदार थी जो उस ने पहले ही अपने कदमों को संभाल लिया. टैक्नोलौजी के इस युग में कुछ शातिरों ने मिस्ड कौल को हथियार बना लिया है. ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो मिस्ड व रौंग कौल दे कर भोलीभाली लड़कियों को पहले अपने जाल में फंसाते हैं फिर उन का गलत इस्तेमाल करते हैं.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के शिक्षित परिवार की पूजा को मिस्ड कौल के जाल में फंसने की कीमत अपनी जान दे कर चुकानी पड़ी. बीए की पढ़ाई कर रही पूजा के मोबाइल पर रौंग कौल आई. कौल कोई युवक कर रहा था. इस के बाद अकसर उसे ऐसी कौल्स आने लगीं. अब पूजा को भी युवक से बातें करना अच्छा लगने लगा. यह सिलसिला दोस्ती से शुरू हो कर प्यार तक जा पहुंचा. पूजा ने आंखें बंद कर उस युवक पर विश्वास कर लिया.

युवक मेरठ का रहने वाला था. उस की बातों में आ कर एक दिन पूजा अपना घर छोड़ कर उस के पास चली आई. युवक ने उसे एक होटल में ठहराया और शादी का वादा कर के उस का शारीरिक शोषण किया, लेकिन ऐनवक्त पर विवाह करने से मना कर दिया. पूजा को एहसास हो गया कि वह बुरी तरह छली गई है. पूजा के परिजन भी उसे ढूंढ़ते हुए वहां पहुंच गए. परिवार को धोखा देने का उसे काफी पछतावा हुआ तो उस ने जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली. हालांकि उस का यह कदम गलत था, इस कायरता के बजाय उसे युवक को सबक सिखाना चाहिए था.

गाजियाबाद की रहने वाली 9वीं की छात्रा दीपा बमुश्किल ऐसे गैंग के चंगुल से निकली. दीपा अकेले ट्यूशन आतीजाती थी. बेटी संपर्क में रहे इसलिए परिजनों ने उसे मोबाइल दे दिया. दीपा के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से मिस्ड कौल आई. 2-3 बार ऐसा हुआ, तो दीपा ने पलट कर कौल कर दी. यही दीपा की सब से बड़ी गलती थी. एक युवक ने उसे अपनी दिलकश बातों के जाल में उलझा लिया. उस युवक ने दीपा को रंगीन सपने दिखाए और वह उन में खोती चली गई. फोन पर ही दोस्ती व प्यारभरी बातें हुईं. 2 महीने के इस खेल के बाद जब उस शातिर युवक को पूरा विश्वास हो गया कि दीपा अब उस के कहे अनुसार चलेगी, तो उस ने उसे घर छोड़ कर आगरा आने को कहा. यह उस की नादानी ही थी कि वह ऐसा करने के लिए तैयार हो गई.

आगरा पहुंच कर उसे पता चला कि वह छली गई है. वह जिस युवक के पास गई थी उस का नाम संजय था. उस ने अपने दोस्तों के सामने दीपा को पेश करने की कोशिश की. दीपा अपनी नादानी पर बहुत पछता रही थी. उस ने मौका पा कर अपने परिजनों को पूरी बात बताई, दीपा की बात सुनते ही परिजनों ने पुलिस को सूचित किया, पुलिस और उस के परिजनों ने उस की बताई जगह पर पहुंच कर संजय को हिरासत में ले कर दीपा को मुक्त कराया. गाजियाबाद के तत्कालीन एसपी शिव हरि मीणा के अनुसार संजय व उस के 3 दोस्त ऐसी ही नादान लड़कियों को फंसा कर उन का शोषण कर के छोड़ देते थे. इस से पहले मथुरा की एक युवती को भी वे अपने जाल में फंसा चुके थे. दरअसल, इस तरह के लोग पहले मिस्ड कौल करते हैं फिर बैक कौल का इंतजार करते हैं. यदि कोई लड़की फोन पर होती है तो चालाकी से उस से बातें करने लगते हैं और फिर उसे अपने जाल में उलझाते हैं, लेकिन अगर कोई पुरुष फोन पर होता है, तो रौंग नंबर बता कर सौरी बोलते हुए बात खत्म कर देते हैं.

ऐसा करने वाले बेहद शातिर किस्म के लोग होते हैं. बातोंबातों में युवतियों से उन के घरपरिवार की पूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं. ऐसा वे इसलिए करते हैं ताकि पकड़े जाने का खतरा कम रहे. दूसरा मकसद उन से नकदी व आभूषण हासिल करना भी होता है. युवतियां आसानी से उस अजनबी पर विश्वास कर लेती हैं जिसे उन्होंने कभी देखा तक नहीं होता. उम्र के इस नाजुक दौर में उन्हें वह अपने सपनों का राजकुमार नजर आने लगता है. मुरादाबाद जिले में रौंग नंबर से शुरू हुई दोस्ती लव, सैक्स और धोखे में बदल गई. पुलिस ने ऐसे 2 युवकों को गिरफ्तार किया जो रौंग नंबर के जरिए युवतियों को अपने जाल में फंसाते थे, उन्हें सपने दिखा कर उन का गलत इस्तेमाल करते थे. युवक तब पकड़ में आए जब एकसाथ 4 युवतियां लापता हुईं. जांचपड़ताल में उन युवकों के कमरे से युवतियों को भी बरामद किया गया. उन की कोशिश उन्हें बेचने की थी. दोनों शातिरों ने मोबाइल के जरिए ही चारों युवतियों को प्रेमजाल में फंसाया था. यदि पुलिस समय पर नहीं पहुंचती तो पता नहीं उन युवतियों का क्या हश्र होता.

राधा अपने बुरे दिनों को याद कर के सहम जाती है जब वह रौंग नंबर के चक्कर में एक युवक के चंगुल में फंस गई थी. अकसर फोन पर लंबीलंबी बातें होतीं. जब राधा उस शातिर के प्यार में पूरी तरह फंस गई तब उस ने उसे मिलने के लिए बुलाया. दोनों एक होटल में रुके, अगले दिन वह उसे स्टेशन पर छोड़ कर लापता हो गया. राधा ने परिजनों का विश्वास और इज्जत दोनों गंवा दी थीं. रौंग कौल करने वाले अपने शिकार को जाल में फांसने के सारे हथकंडे जानते हैं, इसलिए बेहतर यही है कि मिस्ड व रौंग कौल को नजरअंदाज कर देना चाहिए.                               

ऐसे बोलते हैं डायलौग

–       मुझे आप से बात करनी है.

–       आप की आवाज तो बहुत मधुर है.

–       काश, आप मेरी दोस्त होतीं तो कितना अच्छा होता.

–       आवाज इतनी मीठी है, तो आप कितनी सुंदर होंगी.

–       आप की आवाज पर तो कोई भी मोहित हो जाए.

–       एक बार हम से दोस्ती कर के देखिए, बहुत खुश रखेंगे आप को.

–       मेरी कोई दोस्त नहीं है, एकदम अकेला हूं, प्लीज आप मेरी दोस्त बन जाएं.

–       मैं बदनसीब हूं जो आप मुझ से दोस्ती करने से इनकार कर रही हैं.

–       आप से बात कर के बहुत खुशी हो रही है.

जानकारों की राय

युवतियों को फंसाने वाले कई बार पकडे़ जाते हैं. अगर कोई बारबार मिस्ड कौल करता है या फोन कर के परेशान करता है, तो मामले को खुद सुलझाने के बजाय इस की सूचना समय रहते पुलिस को देनी चाहिए.

– रुचिता चौधरी, पुलिस अधीक्षक

जरा सी लापरवाही युवतियों पर भारी पड़ जाती है. उन्हें अपने अभिभावकों से ऐसी बातें छिपानी नहीं चाहिए. अभिभावक भी अपने बच्चों पर विशेष नजर रखें, क्योंकि सिर्फ मोबाइल दे देने से ही उन की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती.

– अतुल शर्मा, समाजसेविका

उम्र के नाजुक दौर में छोटीछोटी बातें हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं. भावनात्मक रूप से युवतियों को बहलाना आसान होता है, इसी का फायदा ऐसे लोग उठाते हैं. लकीर पीटने से अच्छा है कि लड़कियों से अभिभावकों को खुल कर बात करनी चाहिए.

– डा. सुभाष सिंह, चिकित्सा अधीक्षक

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