मेरी बीवी की आदत है कि जब भी वह बाजार से कोई साड़ी वगैरह लाती है तो घर आ कर पसंद न आने पर उसे बदलवाती जरूर है. मैं उस की इस आदत से परेशान हो गया था. एक दिन वह साड़ी ले कर आई और फिर वापस करने गई. जब वह घर आई तो मैं ने कहा, ‘तुम्हारी आदत में यह शामिल हो गया है, हर चीज को जरूर बदलवाती हो.’ इस पर वह तपाक से बोली, ‘मैं तो सिर्फ साडि़यां ही बदलवाती हूं, आप ने तो बीवी भी बदल ली.’ अब मेरा मुंह देखने लायक था. बस, इतना ही बोल पाया ‘उफ मेरी बीवी.’ असल में एक जगह सगाई हो जाने के बाद किसी कारणवश मैं ने रिश्ता तोड़ कर दूसरी जगह (अपनी इसी पत्नी से) शादी की थी.

विष्णुकांत अग्रवाल, फिरोजाबाद (उ.प्र.)

*

मेरी शादी के बाद पहली होली आई. हम लोग होली की तैयारी में लगे थे कि अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज आई. जैसे ही मैं ने दरवाजा खोला, पड़ोस में रहने वाली 2 महिलाएं मेरे मुंह पर रंग लगाने के लिए झपटीं. मैं ने उन दोनों के हाथ पकड़ लिए. दोनों लाचार सी मुझे देखने लगीं. वे हाथ नहीं छुड़ा पाईं. यह दृश्य कालोनी के काफी लोगों ने देख लिया. वे लोग मेरे पति से बोले, ‘मिसेज गुप्ता, बड़ी ताकतवर हैं. 2-2 औरतों को एकसाथ अपने कब्जे में कर लिया.’ यह सुन कर मेरे पति गर्व से फूले नहीं समाए.   

आशा गुप्ता, जयपुर (राज.)

*

कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए मेरे पति ने तसले में 7-8 लकड़ी रख कर जला दीं. कमरा गरम होने लगा. हम लोग उस के चारों तरफ बैठ कर चाय पीने लगे. उसी समय मेरी पड़ोसिन गुंजन आ गई. उस ने भी आग के सामने बैठ कर चाय पी, फिर चली गई. रात के 8 बजे, अचानक गुंजन की घबराहटभरी आवाज आई, ‘‘दीदी, आइए, देखिए, क्या हो गया?’’ हम लोग दौड़ते हुए उस के कमरे में पहुंचे तो देखा, उन का सनमाइका वाला मेज गोल आकृति में सुलगा पड़ा है और आग वाला तसला नीचे रखा है. उस ने बताया कि तसले में आग जला कर उस ने उसे मेज पर रख दिया था. उस की बेवकूफी पर मैं ने खीज कर कहा, ‘‘तुम ने देखा नहीं. मेरे घर में फर्श पर भी तसला ईंट के ऊपर रखा था. इतनी सावधानी तो तुम्हें बरतनी ही चाहिए थी,’’ उस की मूर्खता पर अफसोस हुआ. तभी कहते हैं नकल के लिए भी अक्ल चाहिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...