फुजूलखर्ची
कंजूस अपने आप को ही तकलीफ देता है लेकिन फुजूलखर्च तो आने वाली पीढि़यों को भी कष्ट देने वाला साबित होता है. बीच का रास्ता ही सब से अच्छा है-हम अपने साथ भी न्याय करें और दूसरों के साथ भी.
व्यवहार
जो विद्वान हो और सरल हो उस से मिलो, जो विद्वान हो और दुष्ट हो उस से सचेत रहो, जो मूर्ख हो और सरल हो उस पर दयाभाव रखो, जो मूर्ख हो और दुष्ट हो उस से बचो.
बात
दूसरों के बारे में छोटीछोटी बातें, जिन से हमारा कोई वास्ता नहीं होता, कहसुन कर हम अनजाने ही उन के अनुकूल या प्रतिकूल बन जाते हैं.
सत्य
मनुष्यों को सत्य बोलना चाहिए, किंतु जहां सत्य बोलने से किसी का अनिष्ट होता हो, वहां सत्य को छोड़ कर झूठ बोलना ठीक है.
वाणी
बोलने के कई तरीके हैं, अच्छी तरह बोलना, आसानी से बोलना, ठीक बोलना और सही वक्त पर बोलना.
बुद्धि
अपनी बुद्धि और दूसरों का धन सब को अधिक लगता है.

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