आप की संपादकीय टिप्पणी ‘काले धन पर स्पैशल टीम’ अद्वितीय है. आज का यह एक ज्वलंत मुद्दा है. जिस तरह मोदी ने काले धन से निबटने के लिए अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में विशेष जांच टीम का गठन किया है, उस से आशा बंधती है कि वे जरूर इस विषय में कुछ कर के रहेंगे.

अगर वास्तव में काले धन की वापसी होती है तो देश की गरीबी मिटाने में काफी सहायता मिलेगी और आगे से काला धन विदेशों में रखने की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा. पहले भी सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी एक टीम गठित करने का आदेश पिछली सरकार को दिया था पर वह सरकार टालमटोल करती रही. वह सरकार इस फैसले को गैरकानूनी और असंवैधानिक मानती रही और बारबार सर्वोच्च न्यायालय पर उस पर पुनर्विचार करने का दबाव बनाती रही.

नरेंद्र मोदी ने यह काम पहली बैठक में कर के अगर यह बताया है कि वे काले धन के प्रति चिंतित हैं तो यह भी साफ कर दिया है कि कोई सरकार अपने पिछले कुकर्मों के लिए सदासदा के लिए सुरक्षित नहीं है. जिन मामलों में रिश्वत ली गई है उन के रिकौर्ड लंबे समय तक रहते हैं और इच्छा हो तो काले धन के हस्तांतरण का रूट पता किया जा सकता है.

पिछली सरकारें इसलिए इस विषय में टालमटोल करती रही हैं क्योंकि इस से बड़ेबड़े दिग्गजों की काली करतूतों का भेद खुलने का डर बना हुआ था. अब देखना यह है कि नरेंद्र मोदी अपने इस प्रयास में कितना सफल होते हैं. यदि वे इस लक्ष्य में सफल हो जाते हैं तो नए भारत का उदय होगा.

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