मेरा भतीजा मनू, जो 11 महीने का मात्र है, घुटनों के बल चलता है पर उस का दिमाग बहुत तेज है. उस को घर वालों ने शरीर के अंगों के बारे में बता रखा है. मनू से पूछो, नोज कहां है? तो नाक के ऊपर उंगली रखता है. टीथ कहां है, तो दांत के ऊपर उंगली रखता है और आई, तो पलकों को हिलाता है. वह अभी बोल नहीं पाता.

एक दिन वह आंगन में अकेले खेल रहा था. हम ने देखा कि वह मुंह में कुछ चबा रहा है. हम ने उस से थूकने के लिए कहा, ‘‘थूको, थूको, मुंह में क्या है?’’ उस ने तुरंत अपनी उंगली मुंह में डाली, कंकड़ को बाहर निकाला और थूक दिया. फिर उस के बाद उंगली में पकड़ा हुआ कंकड़ दोबारा मुंह में डाल लिया. हम ने सोचा, मनू ने बात को वकील की तरह पकड़ा. मैं ने उसे थूकने के लिए कहा, कंकड़ फेंकने के लिए नहीं.        

सूर्य प्रकाश गुप्ता

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मेरी 3 वर्षीय बेटी बड़ी ही नटखट व हाजिरजबाब है. एक बार मैं ने उस से पड़ोस से हिंदी का अखबार मंगवाया. उस में वह खबर, जो हमें चाहिए थी, न मिलने पर मैं ने उस से अंगरेजी का अखबार लाने को कहा. इस पर वह तपाक से बोली, ‘‘अब, पहले ही बता दो, कहीं मैथ्स का अखबार भी तो नहीं लाना है. मैं तीसरी बार नहीं जाऊंगी.’’

उस की यह बात सुन कर हम लोग हंसे बिना न रह सके.   

ऋचा सिंघल

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गरमी में मेरी बेटी कुछ दिनों के लिए अपने बच्चों के साथ आई थी. उस का साढ़े 3 साल का बेटा, जिसे हम लोग ‘अभि’ बुलाते हैं, बड़ा ही चंचल व बातूनी है.

एक दिन सुबह हम सब घर के बाहर लौन में बैठे चाय पी रहे थे और ताजी हवा का आनंद ले रहे थे. बच्चे अंदर कमरे में सो रहे थे. अचानक मेरा नाती आंखें मलते हुए उनींदा सा आया और लौन में बैठ गया.

मेरे पति ने उस से कहा, ‘‘गुडमौर्निंग, अभि, रात में क्या सपना देखा?’’ उस ने बहुत ही भोलेपन से उत्तर दिया, ‘‘नानाजी, मैं तो सो रहा था, मैं कैसे देखता? मुझे गोदी में ले कर दिखाइए न.’’

उस की बात सुन कर हम लोग हंसी से लोटपोट हो गए. चाय का मजा दोगुना हो गया.     

स्वर्ण लता लाल

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