डिजिटल लेन देन को बढ़ावा देने वाली केंद्र सरकार ने अब कुछ कठोर नियम बनाने का फैसला किया है. सरकार उन लोगों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रही है जो जान बूझकर चेक बाउंस करवाते हैं. ऐसे में चेक बाउंस होना अब आपको महंगा पड़ सकता है. केन्द्र सरकार चेक बाउंस से संबंधित कानून में बदलाव करने जा रही है. जान बूझकर चेक बाउंस कराने वाले लोगों को अब एक-दो महीने के अंदर ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है. आगामी बजट सत्र में केंद्र सरकार इससे संबंधित एक विधेयक लाने की तैयारी में है.

प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक अगर कोई भी व्यक्ति चेक बाउंस होने के एक महीने के अंदर कुछ दंड के साथ भुगतान नहीं करता है तो उसे जेल जाना होगा. मौजूदा कानून में भी जेल की सजा का प्रावधान तो है लेकिन कानूनी लड़ाई में महीनों और सालों लग जाते हैं. हालांकि, चेक बाउंस होने की घटनाओं में तब थोड़ी कमी आई थी जब पहली बार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत जेल का प्रावधान किया गया था.

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों में प्रधानमंत्री समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर कारोबारियों के समूह ने अपनी वेदना जताई थी. उनका कहना था कि चेक बाउंस होने के मामले में उन्हें वसूली करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है. इसमें कई बार वर्षो लग जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसमें बदलाव के बाबत सुझाव दिया था.

फिलहाल देश भर के विभिन्न कोर्टो में चेक बाउंस के लगभग 20 लाख केस दर्ज हैं. इनमें से कई मामले तो 5 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. सूत्र बताते हैं कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए कवायद शुरू हो गई है. फिलहाल कानून के तहत चेक मूल्य के दोगुना फाइन या 2 साल तक की सजा या फिर दोनो का प्रावधान है. लेकिन यह कोर्ट से निर्णय होने के बाद होता है.

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