कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सारी जानकारी अब एक क्लिक की दूरी पर होगी. यह व्यवस्था को अगस्त 2018 से पूरी तरह से लागू किए जाने की योजना है. सेवाओं के आनलाइन होने से औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों और नियोक्ताओं को काफी सुविधा मिलेगी. इसमें कर्मचारी भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनायें प्रमुख हैं. संस्था पहले ही ईपीएफ विथड्राल जैसी कई सेवाओं को आनलाइन कर चुकी है. सेवाओं के आनलाइन हो जाने से अंशधारकों का अधिकारियों से सीधा सामना नहीं होगा. इससे भ्रष्टाचार और प्रताड़ित किये जाने की गुंजाइश भी नहीं रहेगी. ईपीएफओ को डिजिटलाइज किए जाने से कम से कम पांच करोड़ लोगों को फायदा होगा.

केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी.पी. जाय ने कहा, ईपीएफओ ने अगस्त 2018 तक इसे पूरी तरह से डिजिटल करने का लक्ष्य तय किया है.

उन्होंने कहा कि ईपीएफओ जैसे ही पूरी तरह से डिजिटल होगा, सभी सेवायें इलेक्ट्रानिक साधनों के जरिये लोगो को उपलब्ध हों जाएगी और उन्हे अपने काम के लिये दफ्तरों में आकर परेशान नहीं होना पड़ेगा.

ईपीएफओ के पास 10 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है और पिछले वित्‍त वर्ष में इसने 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है. ईपीएफओ तीन योजनाएं कर्मचारी भविष्‍य निधि योजना 1952, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और कर्मचारी डिपाजिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस स्‍कीम 1976 का संचालित करती है.

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