2016 अर्थव्यवस्था के लिए उतार-चढ़ाव वाला रहा. साल के शुरुआत से लेकर साल के आखिरी दिनों तक भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में कई बड़े फैसले लिए गए. साल का आखिरी दिन तो अभी बाकि ही है. दुनिया भर में युद्धों के कारण अशांति तो फैली ही है, इससे अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ है. यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ घटनाओं के बारे में जिनका अर्थव्यवस्था पर खास प्रभाव पड़ा.

नोटबंदी का 'तोहफा'

देश के प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को काला धन रहित और डिजिटल बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया. इसके तहत 9 नवंबर 2016 से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई. इस फैसले के तहत पुराने नोटों को बदलने के लिए 30 दिसंबर तक का वक्त दिया गया. इसके साथ ही एटीएम और बैंक से पैसे निकालने की भी लिमिट तय कर दी गई. अर्थव्यवस्था में 500 और 2000 के नए नोट लाए गए और 1000 के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया. नोटबंदी को लेकर सरकार और आरबीआई अपने फैसले बदलती रही है. बैंकों के लाइनों में लगे हुए कई लोगों ने अपनी जानें भी गंवाई.

पनामा पेपर्स लीक

टैक्स हेवेन माने जाने वाले पनामा आइलैंड की लॉ फर्म मोजैक फोनसेका की गुप्त फाइलों के कई दस्तावेज लीक हो गए. टैक्स चोरी के मामले में भारत के कई नामी गिरामी हस्तियों का भी नाम आया. पनामा पेपर्स लीक में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, डीएलएफ के केपी सिंह और इंडिया बुल्स के मालिक समीर गहलोत जैसे नामों के खुलासे हुए. इन दस्तावेजों में उन लोगों के नामों की लिस्ट थी, जिन्होंने लॉ फॉर्म को फीस देकर दुनिया भर के टैक्स हैवेन देशों में कागजी कंपनी खुलवाई थी. गौरतलब है कि कुछ दिन खबरें गर्म होने के बाद, देश में किसी के भी खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई.

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