Prostitution : भारत की सर्वोच्च अदालत ने भारत में वेश्यावृत्ति को कानूनी तौर पर जायज करार दिया है. दुनिया के लगभग सभी विकसित देशों में ऐसा कानून पहले से है, मतलब वहां वेश्यावृत्ति लीगल है. न्यूजीलैंड में वेश्यावृत्ति को साल 2003 में कानूनी मान्यता मिल चुकी है. न्यूजीलैंड में लाइसेंस प्राप्त वेश्यालय भी संचालित होते हैं, साथ ही इस देश में सैक्स वर्कर्स को सभी सामाजिक लाभ भी मिलते हैं.

जरमनी में वेश्यावृत्ति को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और वेश्यालय भी लीगल हैं. यहां सैक्स वर्कर को स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है. उन्हें टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. इतना ही नहीं उन्हें पेंशन जैसे सामाजिक लाभ भी मिलते हैं. ग्रीस में भी सैक्स वर्कर्स को समान अधिकार मिलते हैं और उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए भी जाना पड़ता है.

भारत और पश्चिमी देशों में चल रहे जिस्मफरोशी के इस धंधे में एक बड़ा अंतर है जो भारतीय लोगों की उस फितरत को दर्शाता है जिस में इंसानी संवेदनाएं गायब नजर आती हैं. बाहर के देशों में वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग लड़कियों की मंडी नहीं लगती. विदेशों में भी पूरा खेल डिमांड और सप्लाई का है लेकिन वहां हैवानियत के पेशे में भी थोड़ी इंसानियत नजर आती है. इस के उलट भारत में वेश्यावृत्ति के लिए बेची या खरीदी गई कम उम्र की लड़कियों की दास्तानें सुन कर रौंगटे खड़े हो जाते हैं.

हमारे यहां गरीब परिवारों में बेटी होना अभिशाप होता है. जिस्मफरोशी के लिए सब से ज्यादा लड़कियां गरीब परिवारों से ही आती हैं. देश के कई इलाकों में देह के धंधे के लिए बेटियां बेची जाती हैं. उठाई जाती हैं. किराए पर दी या ली जाती हैं या घरेलू हिंसा की शिकार हो कर कोई महिला मजबूरी में किसी चकलाघर तक पहुंचती है. आस्ट्रेलिया महाद्वीप की कुल आबादी से ज्यादा हमारे देश मे वो लड़कियां हैं जो इस वक्त वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसी हुई हैं.

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