भारत और अमेरिका के एक संयुक्त अभियान के बाद हिंद महासागर में नैचुरल गैस की एक बड़ी डिसकवरी हुई है. इससे ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नया रिसोर्स खुलेगा.

पेट्रोलियम मिनिस्ट्री और अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने मिलकर बंगाल की खाड़ी में नैचुरल गैस हाइड्रेट (फ्यूल का एक बर्फ जैसा रूप) की खोज की है. अमेरिकी एजेंसी ने कहा, 'यह हिंद महासागर में इस तरह की पहली डिसकवरी है और इसमें काफी प्रॉडक्शन की क्षमता है.' ऐसा अनुमान है कि दुनिया में गैस हाइड्रेट रिजर्व गैस के सभी पुराने सोर्सेज से काफी अधिक है.

भारत ने सितंबर 2014 में देश में गैस हाइड्रेट्स की खोज और पायलट प्रॉडक्शन टेस्टिंग के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने पर सहमति दी थी. गैस हाइड्रेट्स को नैचुरल गैस का बड़ा सोर्स माना जाता है. भारत में गैस हाइड्रेट रिसोर्सेज पश्चिमी, पूर्वी और अंडमान समुद्री क्षेत्र में मौजूद हैं. यूएसजीएस एनर्जी रिसोर्सेज प्रोग्राम के कोऑर्डिनेटर, वॉल्टर गुइड्रोज ने कहा, 'नई डिसकवरी से गैस हाइड्रेट के ग्लोबल एनर्जी रिसोर्स को अनलॉक करने और इसके सुरक्षित प्रॉडक्शन के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी को तय करने में मदद मिलेगी.'

इस डिसकवरी के लिए पिछले वर्ष मार्च से जुलाई तक एक्सप्लोरेशन किया गया था. एक्सप्लोरेशन के दौरान साइंटिस्ट्स ने ओशन ड्रिलिंग, प्रेशर कोरिंग, डाउनहोल लॉगिंग और एनालिटिकल एक्टिविटीज की थीं. यूएसजीएस का कहना है कि गैस हाइड्रेट्स से नैचुरल गैस का प्रॉडक्शन करना संभव है, लेकिन हाइड्रेट्स की लोकेशन और प्रकार के अनुसार कुछ तकनीकी चुनौतियां हो सकती हैं.

नई डिसकवरी के लिए अगला कदम प्रॉडक्शन टेस्टिंग का होगा. इसमें यह देखा जाएगा कि इस डिस्कवरी से नैचुरल गैस का प्रॉडक्शन करना फायदेमंद होगा या नहीं. एक्सप्लोरेशन में हिस्सा लेने वाले यूएसजीएस के सीनियर साइंटिस्ट टिम कोलेट ने बताया कि यह गैस हाइड्रेट्स की एनर्जी रिसोर्स क्षमता को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम है.

 

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