बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई के सूचकांक ने 10 मई को नया रिकौर्ड बनाया. मानसून की अच्छी बौछारों व मौसम विभाग के पूर्वानुमानों ने सूचकांक को नई ऊंचाई दी और यह मनोवैज्ञानिक स्तर से आगे की छलांग लगा कर पहली बार 30,248 अंक के पार पहुंच गया जबकि निफ्टी 9,500 अंक के करीब पहुंच गया. इस से पहले बीएसई के सूचकांक में मई की शुरुआत में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा, हालांकि मुनाफा वसूली के माहौल के बीच बाजार में मजबूती का रुख रहा.

फ्रांस में यूरोपीय संघ के समर्थक युवा नेता इमैनुअल मैक्रोन के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने से भी एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुख देखने को मिला और इन सब का प्रभाव बीएसई पर भी नजर आया. विदेशी बाजारों में सकारात्मक संकेत के कारण मुनाफा वसूली का दबाव बाजार पर ज्यादा प्रभावी नहीं हुआ, और बाजार मजबूती पर रहा.

इसी बीच, भारतीय विनिमय और प्रतिभूति बोर्ड ने वार्षिक शुल्क नहीं चुकाने वाली 161 कंपनियों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी. इस से बाजार में कुछ हलचल मची लेकिन सूचकांक उस के बावजूद मजबूत स्थिति में रहा. शेयर सूचकांक 30 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से कुछ नीचे जरूर रहा लेकिन इस अवधि में बाजार मामूली रूप से प्रभावित नजर आया. 

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