दुनिया की सब से बड़ी मनी मैनेजर कंपनी ब्लैकराक इंक के सीईओ ने आशंका जताई है कि कच्चे तेल में भारी गिरावट आ जाने की वजह से 400 कंपनियों का वजूद ही मिट सकता है. सीईओ ने आशंका को जाहिर करते हुए आगे कहा कि कच्चे तेल में लगातार गिरावट का माहौल बने रहने की वजह से कंपनियों को कर्ज से उबरने में मुश्किल आ रही है. यही वजह है कि पेट्रो उत्पादों में आने वाले लंबे समय तक गिरावट का दौर बना रह सकता है. साथ ही, कर्ज में डूबी कंपनियों को सिर्फ  कीमतों में इजाफे से ही राहत मिल सकती है, जो आने वाले दिनों में मुमकिन नहीं दिखता. एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की कीमतों को ले कर कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती और न ही यह दावा किया जा सकता है कि किन कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के बाजार में मंदी का नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण का दौर है, जो बहुत ही खतरनाक है.

अमेरिकी बाजार में तुलनात्मक सुस्ती और ईरान की ओर से ज्यादा तेल उत्पादन के चलते इस साल कच्चे तेल की कीमतों में 15 फीसदी तक की कमी हुई है. स्वतंत्र अमेरिकी तेल अन्वेषकों का भी यही अनुमान है कि साल 2015 में तेल कीमतों में गिरावट के चलते अमेरिकी कंपनियों को तकरीबन 14 अरब डालर यानी तकरीबन 95,402 करोड़ रुपए का भारी नुकसान होगा. क्रूड तेल की कीमतों में भारी गिरावट आ जाने से कंपनियों में भले ही हाहाकार मचेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को फायदा होने वाला है. बता दें कि क्रूड तेल के दाम में भारी गिरावट आ जाने की वजह से तकरीबन 4 अरब लोगों को फायदा होगा. वैसे तो यह मसला यूरोपियन यूनियन के भविष्य के लिए चिंता की बात है. हालांकि निवेशक भी क्रूड आयल मामले में चीन के बाजार से अपने पैर खींच रहे हैं. अनुमान है कि इस साल जापान की इकोनोमी भी 1 से 1.5 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है, पर यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

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