देश का सब से बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक दुनिया के प्रमुख 50 बैंकों में शामिल होने जा रहा है. केंद्रीय मंत्रिमंडल के बैंकों में सुधार करने के सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए एसबीआई के 5 सहयोगी बैंकों के उस में विलय करने के निर्णय के बाद एसबीआई की दुनिया के प्रमुख बैंक में शुमार होने की राह आसान हो रही है. सरकार ने स्टेट बैंक औफ बीकानेर ऐंड जयपुर, स्टेट बैंक औफ हैदराबाद, स्टेट बैंक औफ मैसूर, स्टेट बैंक औफ त्रावणकोर तथा स्टेट बैंक औफ पटियाला का विलय एसबीआई में कर दिया है. इस दिशा में प्रक्रिया चल रही है और अगले वर्ष मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद एसबीआई की कुल परिसंपत्ति 37 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी जिस की बदौलत वह दुनिया के

50 प्रमुख बैंकों की श्रेणी में आ जाएगा. इस श्रेणी में दुनिया का सब से बड़ा बैंक चीन का औद्योगिक और वाणिज्य बैंक है. इस की कुल परिसंपत्ति 238 लाख करोड़ रुपए है. एसबीआई इस सूची में किस स्तर पर होगा, इस का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कौमनवैल्थ बैंक औफ आस्ट्रेलिया अपनी 44 लाख करोड़ रुपए की परिसंपत्ति के साथ सूची में 40वें स्थान पर है.

अब तक के आकलन के अनुसार, एसबीआई 45वें स्थान पर हो सकता है. बैंक की परिसंपत्ति से ज्यादा महत्त्वपूर्ण यह है कि इस विलय से एक ही शहर में एसबीआई और उस के सहयोगी बैंकों के बीच की प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी और अनावश्यकरूप से बैंक की विभाजित पूंजी एकल स्वरूप में आ जाएगी. बड़ा फायदा यह भी है कि एसबीआई दुनिया के प्रमुख बैंकों में शुमार हो जाएगा. इस से दुनिया में भारत की साख बढ़ेगी और कारोबारियों के लिए कारोबार करना आसान होगा. सरकार का बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए यह पहला कदम है. मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही इस क्षेत्र में सुधार की जरूरत पर बल दिया था और अब इस काम को तेजी से किए जाने की आवश्यकता है. महिला बैंक का भी विलय किया जाना है.

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