शौपिंग के नाम पर धोखाधड़ी. औनलाइन शौपिंग में ही नहीं, छोटी दुकानों से खरीदारी में भी. ज़रुरत है आप को होशियार रहने की. वर्ना डुप्लीकेट मैन्युफैक्चरर और सेलर्स किसी को भी नहीं छोड़ेंगे. ‘पैसा उगाहो कैसे भी’ इस को मन्त्र मानते हुए धोखेबाजों का धोखाधड़ी का धंधा शबाब पर है.

नकली निर्माता और नकली विक्रेता ग्राहकों को बेवकूफ़ बना रहे हैं. वे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में कमी होने का नाजायज फायदा उठा रहे हैं. सूचीबद्ध उत्पादों का कम से कम 40 प्रतिशत डुप्लीकेट निर्माताओं द्वारा किया जाता है. ऐसे में अगर आप औनलाइन शौपिंग करते हैं तो सतर्क हो जाइए. इस की वजह ई-कौमर्स साइट्स पर धड़ल्ले से बिकने वाले नकली प्रोडक्ट्स हैं. यानी, आप ने औनलाइन शौपिंग साइट्स पर जो सामान ब्रांडेड समझ कर खरीदा है, हो सकता है कि वह नकली हो.

अमेरिका की मशहूर कौफ़ी हाउस चेन स्टारबक्स कारपोरेशन के कई प्रोडक्ट्स के डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स भारत में बेचे जा रहे हैं. बता दें कि स्टारबक्स भारत में अपने किसी भी प्रोडक्ट को थर्ड पार्टी सेलर्स के ज़रिए नहीं बेचती.  इस के बावजूद फ्लिपकार्ट और अमेज़न समेत कई ई-कौमर्स प्लेटफार्म पर उस के लोगो वाले कौफ़ी मग और टम्बलर समेत कई सामान सर्च में टाप पर दिखते हैं.

मालूम हो कि टाटा और स्टारबक्स कंपनियों का जौइंट वेंचर यानी संयुक्त उपक्रम है टाटा स्टारबक्स, जो भारत में स्टारबक्स आउटलेट्स को संचालित करता है.  टाटा स्टारबक्स के प्रवक्ता का कहना है, “कंपनी अपने ब्रांड्स से जुड़ी जालसाजी को गंभीरता से लेती है.  हमें जालसाजी की जानकारी मिली है.  हम ने इस मामले को सक्षम अधिकारियों का सामने उठाया है.”

प्रिय ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि अगर वे ई-कौमर्स या देश में मौजूद छोटी दुकानों से स्टारबक्स के कौफी मग, टम्बलर या दूसरे प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं, तो होशियार हो जाएं क्योंकि इन में से ज़्यादातर नकली हैं.  हालांकि, स्टारबक्स कारपोरेशन ने कई फर्म्स और व्यक्तिगत लोगों के खिलाफ देश के कई शहरों में रिटेलर्स को कंपनी के नकली प्रोडक्ट्स सप्लाई करने के लिए मामला दर्ज कराया है.

मामला दर्ज होने के बाद छानबीन शुरू की जा चुकी है. स्टारबक्स के वकीलों ने हाल ही में कोर्ट द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर्स के साथ दिल्ली के सदर बाज़ार इलाके में छापेमारी की थी. इस दौरान स्टारबक्स के लोगो और ट्रेडमार्क लगे कई डुप्लीकेट सामान जब्त भी किए गए थे.

गौरतलब है कि स्टारबक्स ने साल की शुरुआत में ही कस्टम विभाग के अधिकारियों को एक बड़े डुप्लीकेट कन्साइनमेंट की जानकारी दी थी, जिस में स्टारबक्स के लोगो वाले मग और टम्बलर समेत कई प्रोडक्ट्स थे. यह कन्साइनमेंट चीन से आ रहा था, जिसे अधिकारियों ने बंदरगाह पर जब्त कर लिया था.

स्टारबक्स के डुप्लीकेट प्रोडक्ट्स के अमेजन पर बेचे जाने पर अमेजन इंडिया के प्रवक्ता का कहना है, “कस्टमर एक्सपीरियंस के मामले में हमारा स्टैण्डर्ड काफी ऊंचा है.  हम नियमों का उल्लंघन करने वाले सेलर्स के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने को ले कर प्रतिबद्ध हैं.  जब इस तरह के मामले को हमारे सामने लाया जाएगा, हम कार्यवाही करेंगे.”

वहीं, फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता का कहना है, “फ्लिपकार्ट एक ज़िम्मेदार मार्किटप्लेस है, जो देशभर में मौजूद सेलर्स और कस्टमर्स को एकदूसरे से जोड़ता है.  प्रोडक्ट्स को सेलर्स लिस्ट करते हैं. हरेक सेलर को कड़ी गाइडलाइन्स से हो कर गुज़ारना पड़ता है.” हालांकि, फ्लिपकार्ट को उच्च छूट पर फर्जी उत्पादों को कथित तौर पर बेचने के लिए कोर्ट में खींच लिया गया है.

गौरतलब है कि इंडियन और ग्लोबल कम्पनियां लम्बे समय से देश में जालसाजी और नकली प्रोडक्ट्स की समस्या का सामना कर रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 5 वर्षों में ई-कौमर्स सेक्टर की तेज ग्रोथ ने इस तरह के डुप्लीकेट प्रोडक्ट को बनाने वालों के लिए हालात उन के अनुकूल बना दिया है, क्योंकि उन का सामान औनलाइन के जरिए तथाकथित सेलर्स द्वारा बिक जाता है.

कई बार आप जब औनलाइन शौपिंग करते हैं, तो आप के पास असली सामान के बजाय नकली सामान पहुंच जाता है. ऐसे मामलों में ज्यादातर कुछ हो नहीं पाता. सो, ग्राहकों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. लेकिन अब भारत सरकार एक व्यवस्था करने जा रही है. अगर आप के साथ ऐसी कोई धोखाधड़ी होती है, तो इस के बूते आप को पूरा पैसा वापस मिलेगा. इस नई व्यवस्था को ‘कैशबैक’ नाम दिया जा सकता है.

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