पाकिस्तानी एंजेल इनवेस्टर और TiE के लाहौर चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट हुमायूं मजहर ने पिछले हफ्ते भारत का दौरा किया. इस दौरे में उन्होंने भारतीय इनवेस्टर्स और आंत्रप्रेन्योर्स से बात की और यहां स्टार्टअप इकोसिस्टम को समझा. वह भारत के इकोसिस्टम को पाकिस्तानी स्टार्टअप्स के लिए सिलिकॉन वैली मानते हैं. पाकिस्तान में स्टार्टअप्स की रफ्तार पकड़ने के साथ ही इस मुल्क के आंत्रप्रेन्योर्स और इनवेस्टर्स प्रेरणा के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं. वे भारतीय स्टार्टअप की दुनिया के उतार-चढ़ाव से सीख भी रहे हैं.

मजहर ने अक्टूबर 2015 में क्रेसवेंचर नाम की फर्म शुरू की थी. वह अब तक पाकिस्तान में 3 स्टार्टअप्स में निवेश कर चुके हैं. इस महीने की शुरुआत में उन्होंने पाकिस्तान की ऑटो टेक स्टार्टअप ट्रैवली में निवेश किया था. उनके मुताबिक, यह भारत के जुगनू की तर्ज पर काम कर रही है. Travelkhana.com के बॉस सिंह ने कहा कि स्टार्टअप्स को लेकर जिन मुश्किलों से निपटने की जरूरत है, वे दोनों देशों में एक जैसी हैं. यह वेबसाइट रेल मुसाफिरों के लिए खाना बुक करने का प्लेटफॉर्म है.

उन्होंने बताया, 'हमने इस बात पर चर्चा की कि ट्रैवलखाना की तर्ज पर पाकिस्तान भी किस तरह से स्टार्टअप को शुरू किया जा सकता है. मजहर ने मुझे पाकिस्तान आने और वहां इस तरह का कुछ खड़ा करने में मदद करने को कहा.' सीरियल पाकिस्तानी आंत्रप्रेन्योर अदम गजनवी का कहना है कि उन्होंने ओला कैब्स से प्रेरित होकर रॉकेट इंटरनेट के ईजी टैक्सी पाकिस्तानी चैप्टर की अगुवाई की.

उन्होंने बताया, 'जब मैंने पाकिस्तान में अपने एक जानने वाले से अपने भारतीय दोस्त की उस नई कंपनी के बारे में बताया, जो डॉक्टरों के लिए अप्वाइंटमेंट बुक करती है, तो उन्होंने भी कुछ इसी तरह का काम शुरू करने का फैसला किया.' हालांकि, उन्होंने पाकिस्तानी आंत्रप्रेन्योर्स को आगाह किया कि वे भारतीय स्टार्टअप्स की अंधी नकल ना करें. उन्होंने कहा, 'ईजी टैक्सी के लिए मैंने ओला कैब्स के उदाहरण का इस्तेमाल किया. हालांकि, मुझे जल्द इस बात का अहसास हुआ कि बाजार अलग-अलग हैं. पाकिस्तान के लोग टैक्सी बुक कराने में अब भी सहज नहीं है. साथ ही, उस वक्त उनके पास 3जी भी नहीं था.' ईजी टैक्सी ने पिछले साल अपना ऑपरेशन बंद कर दिया. पाकिस्तानी स्टार्टअप्स के पीछे रहने की मुख्य वजह टेक्नोलॉजी मोर्चे पर सुस्ती है.

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