दीवाली शौपिंग के लिए सज चुके देश के बाज़ारों में ग्राहकों की गहमागहमी के बीच मोबाइल खरीदार नदारद हैं. इलेक्ट्रोनिक्स के घरेलू सामान और स्मार्टफोन बेचने वाले रिटेलर्स (फुटकर दुकानदार) के लिए इस साल की दीवाली पिछले 5 वर्षों में सब से दर्दनाक साबित होने जा रही है.
बाजारों में दुकानदारों के यहां घरेलू इलेक्ट्रोनिक्स सामान और मोबाइल फोन के खरीदारों का टोटा होने की वजह औनलाइन ई-कौमर्स कम्पनियों द्वारा दिया जा रहा भारी डिस्काउंट है. इस के चलते रिटेल कारोबार कर रहे रिटेलर्स का बिजनेस ठंडा पड़ गया है.
नवरात्र के बाद से दीवाली तक 3 हफ्तों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में क्न्ज़ूमर इलेक्ट्रोनिक्स और स्मार्टफोन का काम करने वाले रिटेलर्स की बिक्री औसतन 50 फीसदी कम चल रही है.
स्मार्टफोन रिटेलर्स स्पाईस हौटस्पौट के प्रवक्ता का कहना है, “ पहले कभी हमारी इतनी बुरी हालत नहीं हुई थी. बिक्री अभी भी कम हो रही है क्योंकि लोग दीवाली पर ई-कौमर्स कम्पनियों से अभी और छूट की उम्मीद कर रहे हैं तो कुछ अपनी त्योहारी शौपिंग पूरी कर चुके हैं.”
दरअसल, औनलाइन प्लेटफोर्म पर कई स्मार्टफोन ब्रांड्स 30 फीसदी तक छूट दे रहे हैं और कई मामलों में तो कीमत डिस्ट्रीब्यूटर प्राइस से भी कम है.
औल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (एआईएमआरए) का कहना है कि पिछले साल के त्योहारी सीज़न की तुलना में इस साल बिक्री औसतन 20-25 फीसदी कम हो रही है. ज़्यादातर फोन स्टोर्स में बिक्री पिछले साल से 50-55 फीसदी कम है.
एआईएमआरए का मानना है की पिछले वर्षों में इन स्टोर्स के लिए यह सब से खराब त्योहारी सीज़न रहा है. एआईएमआरए का कहना है, “ऐसा लग रहा है कि औनलाइन मार्केटप्लेस प्रेसनोट 3 में उल्लिखित नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.” प्रेसनोट में कहा गया है कि औनलाइन मार्केटप्लेस कीमतों पर असर नहीं डाल सकते. इन नियम के ज़रिये प्रोडक्ट्स पर एक सीमा से अधिक छूट देने की उन पर पाबंदी लगाई गयी है. इस नियम का मकसद यह है कि रिटेल स्टोर्स और औनलाइन कंपनियों को बराबर की प्रतियोगिता का अवसर मिले.