बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई उतारचढ़ाव के माहौल के बीच 28 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को फिर पार कर गया. सूचकांक 19 अक्तूबर को 144 अंक गिरा. यह 8 जुलाई के बाद की सब से बड़ी गिरावट है. सप्ताह की शुरुआत की इस गिरावट के बाद बाजार में वैश्विक बाजारों का सकारात्मक असर देखने को मिला और शेयर बाजार ने फिर उड़ान भरी और सूचकांक 28 हजार अंक के पार चला गया.

21 अक्तूबर तक सूचकांक 404 अंक की बढ़त के साथ इस मनोवैज्ञानिक स्तर तक पहुंचा है. इस दौरान नैशनल स्टौक एक्सचेंज यानी निफ्टी 110 अंक की तेजी के साथ 8,500 अंक के पार पहुंच गया.

बाजार के जानकारों का मानना है कि देश में समान कर व्यवस्था लागू करने के लिए वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी परिषद की 3 दिवसीय बैठक का बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिला. हालांकि इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा बाजार में निराशा का माहौल रहा और यह 9 सप्ताह के निचले स्तर पर था. इस से पहले 7 अक्तूबर को विदेशी मुद्रा भंडार 3 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया था.

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