ब्रिटेन में भारतीय कंपनियों का निवेश 2015 में करीब 65 % बढ़ा और अमेरिका तथा फ्रांस के बाद भारत इस देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बना गया है. यहां जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में तीव्र-वृद्धि दर्ज करने वाली भारतीय कंपनियों की संख्या साल भर पहले 36 थी जो बढ़कर 62 हो गई.
इस श्रेणी में ऐसी कंपनियों को रखा गया है जिनका कारोबार 10 % से अधिक की दर से बढ रहा है. ग्रांट थार्नटन यूके एलएलपी द्वारा भारतीय उद्योग मंडल सीआईआई के साथ मिल कर प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया कि तीव्र वृद्धि वाली भारतीय कंपनियों का कुल कारोबार 2015 में बढ़कर 26 अरब पाउंड हो गया जो 2014 में 22 अरब पाउंड था.
इस रिपोर्ट का शीर्षक है – 'इंडिया मीट्स ब्रिटेन 2016 : ट्रैकिंग दी यूकेज टाप इंडियन कंपनीज.' ग्रांट थार्नटन यूके एलएलपी में दक्षिण एशियाई समूह प्रमुख अनुज चंदे ने कहा, 'इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में निवेश का स्तर ऊंचा है. 2015 में भारत से यहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 65 % बढ़ा जिससे ब्रिटेन के लिए भारत एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया है.'